एप्पल फैक्ट्री हिंसा: आईफोन सप्लाइयर विस्ट्रॉन ने अपने वाइस प्रेसीडेंट को हटाया
बेंगलुरु। ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन कॉरपोरेशन (Wistron) ने भारत में आईफोन (Apple) निर्माण व्यवसाय की देखरेख करने वाले अपने वाइस प्रेसीडेंट को हटा दिया है। कंपनी ने स्वीकार किया कि उन्होंने कई कानूनों का उल्लंघन किया है। कंपनी का यह बयान बेंगलुरु से करीब 60 किलोमीटर दूर कोलार के नरसापुरा में ताइवान के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में हिंसा भड़कने के एक हफ्ते बाद आया है। एप्पल ने इस मामले के जांच के लिए एक कमेटी बनाई है। जिससे पता चला है कि, कंपनी में वेतन ना मिलने समेत कई तरह की दिक्कतों का सामना कर रहे थे, वर्कर्स।
एप्पल की ताइवानी सप्लायर विस्ट्रॉन की कर्नाटक वाली फैक्ट्री में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना के बाद कंपनी ने अहम फैसला किया है। कंपनी वे इंडिया ऑपरेशन देखने वाले अपने वाइस प्रेसीडेंट को हटा दिया है। विस्ट्रॉन ने कहा कि, हमारे टीम के सदस्यों की सुरक्षा और भलाई हमेशा विस्ट्रॉन में सर्वोच्च प्राथमिकता और मुख्य मूल्य है। हमारी नरसापुरा फैसिलिटी में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के बाद से हमने पाया है कि कुछ श्रमिकों को सही ढंग से या समय पर भुगतान नहीं किया गया था। हम अपने सभी श्रमिकों माफी मांगते हैं। विस्ट्रॉन ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि कर्मचारियों ने ये कदम उनके पूरे पैसे ना मिलने और काम की खराब स्थिति की वजह से उठाया था।
कंपनी वे कहा कि, हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सभी श्रमिकों को तुरंत मुआवजा दिया जाए और हम इस गंभीरता से काम कर रहे हैं। हमने फैसिलिटी में कर्मचारियों के लिए एक कर्मचारी सहायता कार्यक्रम स्थापित किया है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह फिर से न हो, सुधारात्मक कार्रवाइयों पर गहनता से काम कर रहे हैं। कंपनी ने बताया कि, हम भारत में हमारे व्यवसाय की देखरेख करने वाले वाइस प्रेसीडेंट को हटा रहे हैं। हम अपनी प्रोसेस को भी बढ़ा रहे हैं और इस तरह के मुद्दे फिर से न हो इसके लिए टीमों का पुनर्गठन कर रहे हैं।
वहीं एप्पल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, हमने एपल के कर्मचारियों और स्वतंत्र ऑडिटर्स को विस्ट्रॉन के नरसापुरा फैसिलिटी (कर्नाटक में) में हुई इस घटना की जांच का काम सौंपा है। एपल ने माना कि, उसके सप्लाइर की ओऱ से आचार संहिता का उल्लंघन किया गया। विस्ट्रॉन कार्य समय प्रबंधन प्रक्रियाओं को लागू करने में विफल रही। हमने विस्ट्रॉन को प्रोबेशन पर डाल दिया है। जब तक वे सुधारात्मक कार्रवाई पूरी होने तक उन्हें कोई नया बिजनेस नहीं दिया जाएगा।
कर्मचारियों ने शिकायत की थी कि उन्हें सही तरीके से वेतन नहीं दिया जाता है। यह भी शिकायत थी कि महिलाओं को नियुक्त किया जाता है, लेकिन उनके लिए उचित व्यवस्था नहीं है। उनसे आठ के बजाय 12 घंटे काम लिया जाता है। कंपनी की तरफ से उनकी तमाम शिकायतों को अनसुना किया जाता रहा था। , विस्ट्रॉन ने आठ घंटे की शिफ्ट को अक्टूबर में बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया था। नए वेतन में ओवरटाइम को शामिल किया गया था जिसको लेकर वर्कर्स को कनफ्यूजन था। विस्ट्रॉन ने अक्टूबर में नया अटेंडेंस सिस्टम लागू किया था लेकिन उसमें आई तकनीकी दिक्कत तो उसने ठीक नहीं किया। उस दिक्कत के चलते वर्कर्स की अटेंडेंस सही से नहीं लग रही थी।