पीएम मोदी को क्यों भायी कोरोना वायरस से इस गांव की लड़ाई, दिया 24 लाख का इनाम
नई दिल्ली। इस समय पूरी दुनिया एकजुट होकर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने में लगी हुई है। भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 31 हजार से ज्यादा होने के बाद लोगों में डर बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां सूझबूझ से इस महामारी के बढ़ने से रोकने में कामयाबी भी मिली है। पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित गांव छीना ने कोरोना वायरस से लड़ाई जीतकर साबित कर दिया है कि महामारी को काबू में किया जा सकता है। इस गांव से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 24 लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर दी है।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में छीना गांव ने मारी बाजी
दरअसल, कोरोना वायरस से लड़ाई में छीना गांव अब दूसरें क्षेत्रों के लिए रोल मॉडल बन गया है। कोरोना की लड़ाई में गांव की भूमिका अब दूसरों के लिए उदाहरण का काम कर रही ही है। कोरोना वायरस की दस्तक के बाद कर्फ्यू से पहले ही इस गांव के लोगों ने खुद को होम क्वारंटाइन कर लिया था। बाहर से आने वाले लोगों को गांव के एक कॉलेज में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाता था, जो अब ठीक होकर घर चले गए हैं।
छह फुट की होती है सामाजिक दूरी
इसके अलावा जिस समय पूरा देश धीरे-धीरे कोरोना वायरस की चपेट में आ रहा था उस समय यहां के लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग करने भी शुरू कर दिया था। इसके अलावा गांव में राहत सामग्री के वितरण के समय भी सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाता है। कोरोना के खिलाफ छीना गांव की लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भा गई, उन्होंने ग्राम पंचायत छीना में शारीरिक दूरी छह फुट रखने की प्रशंसा की है।
पीएम मोदी ने किया 24 लाख रुपये इनाम का ऐलान
सिर्फ कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ही नहीं बल्कि और कई मामलों में भी पंजाब का यह गांव रोल मॉडल बनकर सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे ग्राम पंचायतों से छीना पंचायत की इस पहल को अपनाने की सलाह भी दी है। पीएम मोदी ने छीना ग्राम पंचायत द्वारा उठाए गए कदमों से खुश होकर 24 अप्रैल को 24 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है। केंद्रीय सोशल वेबसाइट पर भी ग्राम पंचायत छीना का नाम अपलोड किया गया है।
युवा सरपंच पंथदीप को जाता है सफलता का श्रेय
ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के तहत छीन गांव आज दूसरे गांवों के लिए उदाहरण के तौर पर पेश किया जा रहा है। छीना की सफलता का श्रेय गांव के युवा सरपंच पंथदीप को भी जाता है जिन्होंने मास्टर ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल करने के बाद भी सरकारी नौकरी करने की बजाए पंचायत के विकास का सपना साकार किया। उन्होंने पंचायत का चुनाव लड़ा तो उन्हें सर्वसम्मति से सरपंच चुन लिया गया।
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