12 साल की बच्ची ने PM मोदी को लिखा लेटर, कहा-प्रदूषण नहीं हुआ कंट्रोल तो ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जाना होगा स्कूल
देहरादून। बढ़ते प्रदूषण के कारण इंसान गंभीर बीमारी का शिकार हो रहा है, अगर इस पर लगाम नहीं कसी गई तो इसका परिणाम काफी भयावह होगा, खासकर ये बच्चों के लिए खतरे की घंटी है, इसी बात से चिंतित होकर 12 साल की वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने भारत के सभी बच्चों की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी से बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की मांग की है।
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12 साल की रिद्धिमा पांडे ने लिखा PM मोदी को ओपन लेटर
अपने लेटर में रिद्धिमा पांडे ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और घने आबादी वाले शहरों का जिक्र करते हुए वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान गिनाए हैं और पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वो वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए और सभी नियमों और कानूनों को सख्ती से लागू करने का आदेश दें। इससे हर भारतीय खासकर के बच्चों के स्वास्थ्य पर मंडरा रहे खतरे से उनकी रक्षा हो सकेगी।
सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया ओपन लेटर
7 सितंबर को International Day for Clean Air and Blue Skies के मौके पर रिद्धिमा ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले खत की एक कॉपी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है। साथ ही रिद्धिमा ने अपने साथ हुए एक किस्से को भी शेयर किया है, उन्होंने लिखा है कि एक बार स्कूल में उनके शिक्षक ने सभी छात्रों से उनके बुरे सपने के बारे में पूछा। उन्होंने खत में लिखा, ''अपने बुरे सपने के बारे में बताते हुए मैंने शिक्षक से कहा कि मैं स्कूल एक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ आ रही हूं क्योंकि हवा बहुत प्रदूषित हो चुकी है। यह बुरा सपना अभी भी मेरी सबसे बड़ी चिंता है क्योंकि प्रदूषित हवा आज हमारे देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है।''
रिद्धिमा पांडे ने शेयर किया कटु अनुभव
इसके साथ ही रिद्धिमा ने अपना वो अनुभव भी शेयर किया है, जो कि पिछले साल दिल्ली जाने पर उन्हें हुआ था, उन्होंने कहा कि मैं पिछली बार राजधानी दिल्ली घूमने गई थी लेकिन वहां पहुंचने पर मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी, वहां की हवा इतनी प्रदूषित थी कि मेरी तबीयत बिगड़ गई, उसी के बाद मुझे लगा कि इस क्षेत्र में काम होना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर मेरी ये हालत है तो मेरी उम्र से छोटे बच्चों का क्या हाल होता होगा।
रिद्धिमा पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया निवेदन
इसलिए मैं देश के प्रधानमंत्री मोदी से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि इस क्षेत्र में जल्द से जल्द और उचित कदम उठाएं, कृपया हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करें कि ऑक्सीजन सिलेंडर बच्चों के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा न बने, जिसे हमें भविष्य में हर जगह अपने कंधों पर ले जाना पड़े।
भारत की हवा है जहरीली
मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी किए गए हवा गुणवत्ता मानक से 11 गुना ज्यादा जहरीली हवा भारत की है। नासा और संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, वायु प्रदूषण के मामले में भारत और चीन क्रमश दुनिया के नंबर एक और दो देश हैं। भारत में कम से कम 14 करोड़ लोग डब्ल्यूएचओ की सुरक्षित सीमा से अधिक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं।
कौन हैं रिद्धिमा पांडे?
मालूम हो कि 12 साल की रिद्धिमा पर्यावरण एक्टिविस्ट दिनेश चंद्र पांडे की बेटी हैं, छह साल पहले, रिद्धिमा पांडे अपने परिवार के साथ नैनीताल से हरिद्वार जाकर बस गईं। साल 2017 में, सिर्फ नौ साल की उम्र में रिद्धिमा पांडे ने अपने अभिभावकों की मदद से जलवायु परिवर्तन और संकट से उबरने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था, रिद्धिमा के पिता दिनेश चंद्र पांडे वाइल्ड लाइफ़ ट्रस्ट ऑफ इंडिया नाम की एक एनजीओ में काम करते हैं और मां विनीता पांडे वन विभाग में काम करती हैं. इस संस्था से वह 2001 से जुड़े हुए हैं।
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