क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

यूपी में जिन्ना का जिन, क्या वाकई इलेक्शन पर फर्क डालेंगे पाक के कायदे आजम?

Google Oneindia News

लखनऊ, 15 नवंबर: उत्तर प्रदेश में चुनाव के नजदीक आने के साथ ही पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना बहस में आ गए हैं। बीते कुछ दिन में सीएम योगी आदित्यनाथ, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, ओपी राजभर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार नकवी से लेकर असदुद्दीन ओवैसी तक जिन्ना पर बयान दे चुके हैं। जिन्ना पर लगातार आ रहे बयानों से लगता है कि पाकिस्तान में कायदे आजम कहे जाने वाले जिन्ना यूपी में काफी ज्यादा प्रभाव रखते हैं और चुनाव पर असर डाल सकते हैं लेकिन क्या ऐसा है?

क्या यूपी का वोटर जिन्ना की बातों से होगा प्रभावित?

क्या यूपी का वोटर जिन्ना की बातों से होगा प्रभावित?

उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर सी वोटर बीते तीन महीने से लगातार सर्वे कर रहा है। सर्वे में भाजपा नंबर एक पार्टी है लेकिन सर्वे के नतीजे देखें तो तीन महीने में सपा का ग्राफ ऊपर की तरफ गया है और भाजपा नीचे आई है। सर्वे के नतीजों में जाएंगे तो पाएंगे कि बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे ही सबसे अहम हैं। जिन्ना जैसा कोई मुद्दा जमीन पर नहीं है।

जिन्ना की बातें पहले भी लेकिन प्रभावी नहीं

जिन्ना की बातें पहले भी लेकिन प्रभावी नहीं

मुहम्मद अली जिन्ना की मजार पर जाने को लेकर बीजेपी के एल के आडवाणी और जिन्ना पर जसवंत सिंह की किताब काफी विवादों में रही। दोनों नेताओं को निजी तौर पर पार्टी में अपनी हैसियत को लेकर नुसकान भी हुआ लेकिन इस पर वोट पड़ी हो, ऐसा राजनीति के जानकार नहीं मानते हैं। हाल की बात करें तो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर होने को लेकर विवाद को 2019 के लोकसभा चुनाव से करीब एक साल पहले कैराना के उपचुनाव के समय भी सामने लाया गया था। उपचुनाव में भाजपा ने इसको मुद्दा बनाया लेकिन वो चुनाव हार गई थी। इस चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल ने 'जिन्ना नहीं गन्नापर बात करो' का नारा दिया था। जो कामयाब भी रहा था।

 सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए जिन्ना का नाम?

सिर्फ ध्रुवीकरण के लिए जिन्ना का नाम?

जिन्ना को लेकर चुनाव या भारतीय राजनीति में चर्चा आखिर क्यों होती है। इसको देखें तो लगता है कि सीधे तो नहीं गैरजाहिरा तौर पर वो कहीं ना कहीं चुनाव में ध्रुवीकरण के काम आते हैं। जिन्ना देश का बंटवारा करने वाले नेताओं में सबसे अहम चेहरा थे। ऐसे में उनके नाम के साथ 1947 के हिन्दू मुस्लिम दंगों को याद दिलाकर एक तरह से ध्रुवीकरण की कोशिश की जाती है।

अखिलेश यादव के साथ आई ये पार्टी तो पलट जाएगी यूपी चुनाव की बाजी, सर्वे के आंकड़े दे रहे गवाहीअखिलेश यादव के साथ आई ये पार्टी तो पलट जाएगी यूपी चुनाव की बाजी, सर्वे के आंकड़े दे रहे गवाही

यूपी में चल रही जिन्ना पर बयानबाजी

यूपी में चल रही जिन्ना पर बयानबाजी

हाल ही में समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरदार पटेल की जयंती के मौके पर हरदोई में कहा था कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई कर बैरिस्टर बने थे। इसी को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्ना का समर्थन करने वाले तालिबान के समर्थक जैसे हैं, हमें उनसे सावधान रहना होगा।

ओवैसी और राजभर भी कूदे

ओवैसी और राजभर भी कूदे

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बने अखिलेश यादव ने जिन्ना पर बयान को लेकर कहा कि सरदार पटेल, नेहरू, गांधी और जिन्ना सब बैरिस्टर थे लेकिन भारत को तोड़ने वाले और पाकिस्तान को बनाने वाले का नाम जिन्ना था। उम्मीद है आप दोबारा ऐसी गलती नहीं करेंगे। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक अलग बात बताते हुए कहा कि अगर जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा ही नहीं होता।

सानिया मिर्जा को इस शायर ने दी थी युसूफ पठान से शादी करने की अजीब सलाह, खूब हुई थी लानत मलानत आज हैं कांग्रेस के बड़े नेतासानिया मिर्जा को इस शायर ने दी थी युसूफ पठान से शादी करने की अजीब सलाह, खूब हुई थी लानत मलानत आज हैं कांग्रेस के बड़े नेता

English summary
uttar pradesh assembly elections 2022 political leaders statements on muhammad ali jinnah
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X