Triple Talaq Bill: आजाद बोले- पति के जेल जाने पर खर्च कौन चलाएगा, जेटली ने कहा- विधेयक में जमानत का प्रावधान
नई दिल्ली। इंस्टैंट तीन तलाक से जुड़े बिल 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017' को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेता और सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बिल सेलेक्ट कमेटी भेजा जाए। आजाद ने कहा कि तलाकशुदा के लिए कानून बने और पति को जेल भेजने का प्रावधान गलत है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह कहे कि पति को जले जाने पर वो परिवार को खर्च देगी तो समर्थन मिल सकता है।
अरुण जेटली ने कहा कि...
वहीं राज्यसभा सत्ता पक्ष के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह प्रस्ताव बिल पेश किए जाने के 24 घंटे पहले लाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि विधेयक में जमानत का प्रावधान है। जेटली ने कहा कि बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की आवश्यकता नहीं है। चर्चा के दौरान हंगामा बढ़ने पर उप सभापति ने पीजे कुरियन ने कल सुबह 11 बजे तक के लिए राज्यसभा स्थगित कर दी।
ये है तीन तलाक बिल में
बता दें कि लोकसभा में पास हुए कानून के तहत, किसी व्यक्ति द्वारा 'तलाक का कोई भी तरीका' - या तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में या किसी अन्य तरीके से लिखी गई बोली, अमान्य और अवैध होगा। इसमें एक मुस्लिम व्यक्ति को दंड देने का भी प्रावधान है, जो अपनी पत्नी को 'ट्रिपल तालक' का उपयोग करके तलाक देने का प्रयास करेगा है, उसमें अधिकतम तीन साल की सजा है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जेल की अवधि प्रावधान में शामिल की गई है क्योंकि शीर्ष अदालत की ओर से प्रतिबंध के बावजूद मुस्लिम पुरुषों द्वारा तत्काल तलाक के मामले जारी रहे।
सरकार ने लोकसभा मं ठुकराई थी मांग
लोकसभा में बहस के दौरान, कई विपक्षी नेताओं ने सरकार को मुस्लिम व्यक्ति के लिए जेल की अवधि के प्रावधान की फिर से समीक्षा करने को कहा था जो इंस्टैंट ट्रिपल तालक करता है। कहा गया कि अगर वह जेल में है,तो वह भत्ता कैसे देगा? सरकार ने इस बात को को ठुकराते हुए कहा कि कोर्ट जमानत पर रिहा करने के लिए स्वतंत्र है। इसके अलावा, कम से कम अवधि के लिए जेल को जेल भेजने के लिए मजिस्ट्रेट को एक स्वतंत्र कर दिया गया है।