बीजेपी ने लगाया आरोप-यूपीए सरकार ने अंंबानी और अडानी को दिया था 1,85,000 करोड़ का लोन
देश के कॉरपोरेट घरानों को लोन देने में देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी पीछे नहीं हटती है। भाजपा ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि यूपीए सरकार के दौरान कॉरपोरेट घरानों को सबसे ज्यादा लोन
नई दिल्ली। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्होंने बतौर गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए बिरला और सहारा से 40 करोड रुपए लिए थे। अब उसी का जवाब देते हुए भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने अंंबानी और अडानी को 1,85,000 करोड़ का लोन दिया था। अब मोदी सरकार ने उस दिए गए लोन वापस लेने की प्रक्रिया शुरु की गई है। भाजपा के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए शासन के दौरान अडानी को 72,000 करोड़ और अंबानी को 1,13,000 करोड़ का लोन दिया गया था। मोदी सरकार के शासन में आने के बाद इन दोनों कॉरपोरेट घरानों के साथ-साथ कई अन्य कॉरपोरेट घरानों से लोन की रिकवरी शुरु हो गई है।
भाजपा
के
दस्तावेज
दिखाते
हुए
दावा
किया
कि
वर्ष
2005
से
2013
के
दौरान
36.5
लाख
करोड़
रुपए
का
लोन
कॉरपोरेट
घरानों
को
दिया
था।
इन
दस्तावेजों
के
जरिए
भाजपा
ने
कांग्रेस
को
उस
जगह
पर
घेरना
शुरु
किया
है,
जहां
पर
कांग्रेस
यह
कहती
थी
कि
पीएम
मोदी
के
प्रधानमंत्री
बनने
के
बाद
से
ही
यह
सरकार
अंबानी
और
अडानी
की
मददगार
सरकार
है।
वहीं
भाजपा
ने
यह
भी
दावा
कि
शराब
कारोबारी
विजय
माल्या
से
लोन
वसूलने
को
लेकर
सरकार
प्रतिबद्ध
है
और
यह
वो
लोन
है
जो
यूपीए
सरकार
के
समय
में
माल्या
को
दिया
गया
था।
भाजपा
ने
दावा
करते
हुए
कहा
कि
विजय
माल्या
ने
जब
एसबीआई
के
1,450
करोड़
रुपए
का
लोन
नही
लौटाया
था
भाजपा
ने
सरकार
बनते
ही
इस
लोन
वापसी
को
लेकर
प्रक्रिया
शुरु
कर
दी।
श्रीकांत
शर्मा
ने
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
लोन
डिफॉल्टर
विजय
माल्या
की
संपत्ति
की
नीलामी
करके
अभी
तक
सरकार
700
करोड़
रुपए
जुटा
चुकी
है।
श्रीकांत
शर्मा
ने
कहा
कि
अडानी-अंबानी
और
विजय
माल्या
दो
साल
में
पैदा
नहीं
हो
गए
हैं।
यह
तब
से
हो
रहा
है
जब
राहुल
गांधी
पैदा
भी
नहीं
हुए
थे।
उन्होंने
सवाल
किया
कि
अगर
कांग्रेस
ने
ऐसे
समूहों
की
मदद
नहीं
कि
तो
यह
समूह
कैसे
इतना
ज्यादा
उभर
कर
सामने
आ
गए।
उन्होंने
यह
भी
आरोप
लगाए
कि
मनमोहन
सरकार
के
दौरान
किंगफिशर
और
विजय
माल्या
को
बैलआउट
पैकेज
देकर
उसकी
मदद
की
थी।
राहुल
गांधी
को
दूसरे
लोगों
पर
आरोप
लगाने
से
पहले
खुद
इन
सवालों
के
जवाब
देने
चाहिए।
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