सामने आई उन्नाव रेप पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, हुए कई अहम खुलासे
उन्नाव रेप पीड़िता की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें कई अहम बातें सामने आईं।
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नई दिल्ली। करीब 48 घंटों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया। डॉक्टरों का कहना है कि पीड़िता करीब 90 फीसदी तक जल चुकी थी, जिसकी वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। डॉक्टरों ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो पाई। पीड़िता के शरीर के कई अंगों ने शुक्रवार शाम को ही काम करना बंद कर दिया था, जिसकी वजह से उसे बचाना मुश्किल हो गया। पीड़िता की मौत के बाद शनिवार सुबह उसका पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें कई अहम बातें सामने आईं।
'शरीर में जहर का कोई संकेत नहीं मिला'
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में जानकारी देते हुए सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुनील गुप्ता ने बताया, 'पीड़िता के पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में जहर और दम घुटने का कोई संकेत नहीं मिला। आज सुबह पीड़िता के शव की ऑटोप्सी की गई थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि पीड़िता की मौत बहुत ज्यादा जलने के घावों से हुई है।'
चंद सेकंड बोलने के बाद ही बेहोश हो जाती थी पीड़िता
डॉक्टर सुनील गुप्ता ने बताया, 'हमारी टीम की पूरी कोशिश थी कि हम किसी भी तरह पीड़िता को बचा लें। हम उसे नई जिंदगी देना चाहते थे। करीब 90 फीसदी जल चुकी पीड़िता के शरीर से काफी तरल पदार्थ बह चुका था। उसकी हालत इस हद तक गंभीर थी कि वो चंद सेकंड बोलने के बाद ही बेहोश हो जाती थी। शुक्रवार शाम तक ही उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। फिर भी हमारी टीम उसकी जान बचाने में जुटी हुई थी। पीड़िता की हालत ऐसी थी कि कई डॉक्टरों की आंख में आंसू आ गए। पीड़िता के शरीर में संक्रमण बहुत तेजी से फैला और हम लाख कोशिश के बाद भी उसे नहीं बचा सके।'
'दरिंदों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा जाए'
वहीं, अपनी बेटी की मौत के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि जिस तरह हैदराबाद कांड के आरोपियों को मारा गया ऐसे ही हमारी बेटी के दरिंदों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा जाना चाहिए या फिर फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपियों को सजा मिलने के बाद बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। इस दौरान मीडिया से बातचीत में पीड़िता की बहन ने कहा, 'मेरी बहन पुलिस में शामिल होना चाहती थी, लेकिन उसे जिंदा जला दिया गया। हमें एकदम अंदाजा नहीं था कि आरोपी मेरी बहन को जिंदा जला सकते हैं। जिस तरह हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या करने के आरोपियों को सजा दी गई, उसी तरह उसकी बहन को जलाने वालों और रेप करने वालों को बीच सड़क पर गोली मार दी जाए।'
90 फीसदी जलने के बाद भी एक किमी पैदल चली पीड़िता
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, 90 फीसदी जलने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से एक किलोमीटर तक पैदल चली थी और मदद की गुहार लगाई थी। पीड़िता ने खुद ही 112 नंबर पर फोन किया था और पुलिस को आपबीती बताई। पीड़िता को जिंदा जलाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए। एक प्रत्यक्षदर्शी युवक ने बताया कि पीड़िता भागते हुए चीख रही थी बचाओ-बचाओ। युवक ने उसकी आवाज सुनकर पूछा भी, कि तुम कौन हो? उसके पूरे शरीर में आग लगी हुई थी। उसे देखकर मैं डर गया। मुझे लगा कि कोई भूत है।
जमानत पर बाहर आए थे आरोपी
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि शिवम त्रिवेदी नाम के शख्स ने उसे प्रेमजाल में फंसाया और फिर रायबरेली ले जाकर रेप किया। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि त्रिवेदी ने मोबाइल से उसका अश्लील वीडियो बना लिया था, जिसे वायरल करने की धमकी देकर वह लगातार रेप करता रहा। युवती ने कहा कि शिवम ने कई शहरों में ले जाकर उसके साथ रेप किया। पीड़िता ने शादी के लिए दबाव बनाया लेकिन शिवम नहीं माना। 5 मार्च 2018 को परिवार की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म के दो आरोपियों शिवम और शुभम को गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों 3 दिसंबर को जमानत पर बाहर आए थे।
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