नागरिकता बिल पर अमित शाह ने कहा-भारत के मूल नागरिकों को कोई खतरा नहीं
नई दिल्ली। लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर लंबी चर्चा हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया, जिसके बाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीत इस बिल को लेकर बहस शुरू हो गया। एक तरफ विपक्ष इस बिल के खिलाफ है तो वहीं बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियां इस बिल पर एक साथ है। बिल पर देर रात तक संसद में बहस जारी रहा।
इस बिल को लेकर लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जो लोग भारत के नागरिक हैं, उन्हें इस बिल से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भारत के मूल नागरिक हैं उन्हें कोई खतरा नहीं है।उन्होंने कहा कि इस बिल से इस देश के किसी भी मुसलमान का कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के रहते हुए देश का संविधान ही हमारा धर्म है।
उन्होंने कहा कि जो वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को शरण देना चाहता है, हम उन्हें सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि इस बिल से उन लोगों को चिंतिंत होने की जरूर है जो वोट के लिए घुसपैठियों को शरण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि मैं चाहता हूं देश में भ्रम की स्थिति न बने। उन्होंने कहा कि नागरिकता बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में 1971 के बाद से अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ, लेकिन मौजूद सरकार में ये अत्याचार कम हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम नेहरू ने पहली बार धर्म के आधार पर नागरिकता दी। इसके बाद ही देश का विभाजन ही धर्म के आधार पर हुआ। उन्होंने विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए कहा कि देश में बिल को लेकर अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि एनआरसी के बाद एक भी घुसपैठिया इस देश में नहीं रह जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जैसी सांप्रदायिक पार्टी हमने नहीं देखी है। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि केरल में कांग्रेस मुस्लिम लीग के साथ है तो वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ है। अमित शाह ने कहा कि ये बिल किसी भी धर्म के प्रति भेदभाव नहीं करता है। ये बिल एक सकारात्मक भाव लेकर आया है उन लोगों के लिए जो भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित है।