देश की हिफाजत के लिए जान दे देना अच्छा है, लेकिन जरूरी नहीं कि शहादत ही दी जाए: पर्रिकर
पूर्व रक्षा मंत्री व गोवा के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि किसी भी स्थिति में न्यूनतम जिंदगियों को ही नुकसान हो।
पणजी। पूर्व रक्षा मंत्री व गोवा के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि किसी भी स्थिति में न्यूनतम जिंदगियों को ही नुकसान हो। पर्रिकर ने कहा कि उन्होंने सैन्य बलों के जवानों को खुद शहीद होने की जगह दुश्मन का सफाया करने के निर्देश दिए थे।
देश के पहले दिव्यांग मैराथन धावक और मेजर (रिटायर्ड) डीपी सिंह ने पणजी में मैराथन का आयोजन किया था। कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पर्रिकर ने कहा कि मेरी कोशिश रहती थी कि ऑपरेशन के दौरान जवानों को कम से कम नुकसान हो।
पर्रिकर ने कहा कि हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा में सैनिकों के योगदान को नहीं भूल सकते। उन्होंने आगे कहा कि देश के लिए सब कुछ बलिदान करना जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जब आप लड़ने जाएं तो अपनी जान गंवा दें, बल्कि आपको अपने दुश्मनों का सफाया कर देना चाहिए। यही लक्ष्य था।
बता दें कि पणजी में दिव्यांगों के लिए 3 और 10 किलोमीटर मैराथन रेस का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में पर्रिकर ने कहा कि कई बार समाज में आम नागरिकों के मुकाबले दिव्यांग ज्यादा महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मैंने खुद अपनी आंखों से ऐसे उदाहरण देखे हैं।