स्वच्छता रैंकिंग में जगह बनाने के लिए पंजाब को आंध्र प्रदेश से लेने चाहिए टिप्स
नई दिल्ली, 14 सितंबर। पंजाब के शहर स्वच्छ सर्वेक्षण में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। लेकिन देशभर में हाइजीन, क्लीनलीनेस और सैनिटेशन के वार्षिक सर्वेक्षण में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के तहत आंध्र प्रदेश ने अपने तीन शहरों के साथ एक उदाहरण स्थापित किया है। यहां के विजयवाड़ा को 10 लाख से अधिक की आबादी की श्रेणी में देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। इसी श्रेणी में विशाखापट्टनम लगातार दूसरी बार देश में नौवां सबसे स्वच्छ शहर है। वहीं, एक से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में तिरुपति तीसरे स्थान पर है।
इसके विपरीत पंजाब का एक भी शहर टॉप-10 में शामिल नहीं हो सका। हालांकि, यहां के तीन शहर, बठिंडा, पटियाला और फिरोजपुर एक से 10 लाख की आबादी की श्रेणी में टॉप 100 में जरूर शामिल हुए। स्वच्छता के मामले में बठिंडा 79वें स्थान पर रहा। जबकि पटियाला और फिरोजपुर क्रमशः 86 और 96 वें स्थान पर हैं। इसके अलावा, 10 लाख से अधिक जनसंख्या की आबादी वाले शहरों में अमृतसर 34वें स्थान पर है, जबकि लुधियाना राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में 39वें स्थान पर है।
इसलिए
आंध्र
प्रदेश
स्वच्छता
में
पंजाब
से
है
आगे
स्वच्छता
के
मामले
में
पंजाब
आध्र
प्रदेश
से
इसलिए
आगे
हैं,
क्योंकि
वहां
पर
लोग
सरकार
की
तरफ
से
जारी
गाइडलाइंस
का
पालन
करते
हैं।
इसके
अलावा
लोग
प्लास्टिक
का
प्रयोग
भी
कम
करते
हैं
और
कचरे
के
लिए
कूड़ेदान
का
इस्तेमाल
करते
हैं।
प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा आयोजित पंजाब स्थित पत्रकारों ने हाल ही में आंध्र प्रदेश की विजिट की थी। इस दौरान विशाखापत्तनम नगरपालिका आयुक्त जी लक्ष्मीशाह ने एक वीडियो प्रेजेंटेशन दिया था। इस वीडियो के जरिए बताया कि कैसे वे धीरे-धीरे बदलाव लाकर इन शहरों ने स्वच्छता की रैंकिंग में जगह बनाई है। प्रेजेंटेशन के दौरान लक्ष्मीशाह ने जनता के रवैया को बदलने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के लिए हमें जनता के रवैए को बदलना होगा, न कि उन पर जुर्माना लगाना होगा।
स्वच्छता पर उच्च रैंकिंग वाले इन शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के वास्तविक कार्यान्वयन के लिए स्रोत पर अलगाव मुख्य मंत्र है। जबकि पंजाब के शहर अभी भी स्रोत पर कचरे को अलग करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वहीं, विशाखापत्तनम में सभी घरेलू और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में गीले, सूखे और खतरनाक कचरे का शत-प्रतिशत पृथक्करण किया जा रहा है।
इसके अलावा आंध्र प्रदेश में स्वच्छता के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग किया जा रहा है। यहां घर-घर कूड़ा संग्रह सुनिश्चित करने के लिए सभी 98 वार्डों में प्रत्येक 1,000 से 1,200 घरों में 604 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (आरएफआईडी) के उपयोग के साथ एमसी उन सभी घरों को प्रभावी ढंग से टैग कर रही है, जहां कचरा दैनिक आधार पर एकत्र किया गया है।
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