79 साल की इस रिटायर्ड प्रोफेसर ने जीवन भर नहीं किया बिजली का प्रयोग, पेड़ पौधों के बीच काट रहीं जीवन
पुणे। आज के समय में बिजली के बिना जीवन काट पाना असंभव सा है। लेकिन पुणे में बुधवार 79 साल की एक ऐसी महिला रहती हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में बिजली का इस्तेमाल नहीं किया। प्रोफेसर रह चुकीं ये महिला डॉ हेमा साने हैं। वे अपने घर में बिना बिजली के रहती है। उन्हें जीवजंतु और वनस्पतियों से बहुत प्यार है। वे बिजली का इस्तेमाल इसलिए नहीं करतीं क्योंकि उन्हें प्रकृति से प्यार है। डॉ हेमा को पर्यावरण से लगाव है और वे इससे दूर नहीं होना चाहतीं। इसके संरक्षण के साथ ही जीवन बिताना चाहती हैं।
सिर्फ बुनियादी जरूरतों के साथ रहती हैं डॉ. हेमा
डॉ साने अपने जीवन को लेकर कहती हैं कि वे भोजन कपड़ा और मकान जितनी बुनियादी जरूरतों के साथ रहकर खुश हैं। वे कहती हैं कि मैं बिना बिजली के सारे काम करती हूं। वह कहती हैं कि उनकी संपत्ति उनके कुत्ते, बिल्ली, नेवलों और जानवरों की है। मैं इनकी देखभाल के लिए हूं।
'लोग मुझे पागल बुलाते हैं, फर्क नहीं पड़ता'
हेमा कहती हैं कि लोग मुझे पागल बोलते हैं लेकिन मेरे जीने का बेबाक तरीका है और मैं इसी तरह जिंदगी जीती हूं। डॉ हेमा जंगल के बीच एक छोटी झोपड़ी में रहती हैं। सुबह चिड़ियों की आवाज से जागती हैं और शाम को लैंप की रौशनी के साथ सो जाती हैं।
ज्ञान का भंडार हैं डॉ हेमा साने
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान में पीएचडी धारक डॉ हेमा कई सालों कर गरवारे कॉलेज पुणे में प्रोफेसर रही और फिर रिटायर हुईं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान और पर्यावरण पर कई किताबें लिखी हैं। वे अकेले रहते हुए आज भी किताबें लिखती रहती हैं। शायद ही कोई ऐसा पेड़ या पौधा होगा जिसके बारे में डॉ हेमा को जानकारी न हो।
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