पिनराई विजयन ने दूसरी बार संभाली केरल की सत्ता, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
तिरुवनंतपुरम, 20 मई: तटीय राज्य केरल में गुरुवार को राजनीतिक इतिहास बदल गया, जहां एलडीएफ ने दूसरी बार पूर्ण बहुमत से चुनाव जीतकर सरकार बनाई। साथ ही पिनराई विजयन ने सेंट्रल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कोरोना महामारी को देखते हुए इस शपथ ग्रहण में कुछ चुनिंदा मेहमान ही बुलाए गए थे। विजयन के अलावा 22 मंत्री भी शपथ लेंगे, हालांकि इसमें से एक भी पुराना चेहरा नहीं होगा।
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दरअसल कोरोना महामारी की वजह से कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग हो रही थी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को झटका दे दिया। जिस वजह से गुरुवार दोपहर 3.30 बजे कोरोना प्रोटोकॉल के साथ शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ। इसके बाद राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पिनराई विजयन को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। ऐसे में अब आधिकारिक रूप से केरल में सरकार गठन का काम पूरा हो गया है। आमतौर पर केरल में कोई सत्ताधारी पार्टी ने दोबारा जीत नहीं हासिल की है, लेकिन इस बार LDF ने पूरा इतिहास बदल दिया। वहीं शपथ ग्रहण के बाद ट्वीट कर पीएम मोदी ने सीएम विजयन को बधाई दी।
जानिए कौन हैं वीना जॉर्ज, जो केरल में पहली महिला पत्रकार से बनीं नेता और अब मंत्री
क्या
विजयन
का
नया
प्रयोग
सही?
पिनराई
विजयन
किसी
भी
पुराने
मंत्री
को
इस
बार
जिम्मेदारी
नहीं
देंगे।
ऐसे
में
उनकी
कैबिनेट
में
सारे
नए
चेहरे
हैं।
ये
भारतीय
राजनीतिक
इतिहास
में
अपने
आपका
पहला
प्रयोग
है।
वहीं
स्वास्थ्य
मंत्री
रहीं
केके
शैलजा
को
भी
हटाने
का
सीएम
ने
फैसला
लिया
है,
जिस
पर
विवाद
हो
गया।
शैलजा
ने
कोरोना
महामारी
के
वक्त
में
बेहतरीन
काम
किया
था,
जिसकी
तारीफ
पीएम
मोदी
और
WHO
भी
कर
चुका
है।
ये
है
राजनीतिक
समीकरण
आपको
बता
दें
कि
इस
चुनाव
में
एलडीएफ
ने
केरल
में
अपने
प्रतिद्वंद्वियों
को
हराकर
99
सीटें
जीतीं।
तो
वहीं
दूसरी
ओर
कांग्रेस
के
नेतृत्व
वाले
यूनाइटेड
डेमोक्रेटिक
फ्रंट
(यूडीएफ)
के
खाते
में
41
सीटें
आईं।
इस
चुनाव
में
बीजेपी
मेट्रोमैन
ईश्रीधरन
के
सहारे
सत्ता
पाने
की
कोशिश
कर
रही
थी,
लेकिन
एनडीए
को
एक
भी
सीट
नसीब
नहीं
हुई।