कोविड के इन मरीजों को दी जा सकती है एंटी वायरल दवा 'Clevira'
नई दिल्ली, 30 अप्रैल: 'क्लेविरा' एक एंटी-वायरल दवा है, जिसे शुरू में डेंगू के इलाज के लिए विकसित किया गया था। लेकिन, अब इसकी निर्माता कंपनी अपेक्स लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड ने कहा है कि इसे कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह दवा तब प्रभावी है, जब इसकी एक गोली दिन में दो बार खाने के बाद 14 दिनों तक लिया जाए। कंपनी के मुताबिक यह दवा लीवर और किडनी के लिए भी सुरक्षित पाई गई है।
हल्के
और
मध्यम
लक्षणों
वाले
कोरोना
मरीजों
के
लिए
दवा
चेन्नई
स्थित
इस
कंपनी
की
ओर
से
कहा
गया
है
कि
'एंटीवायरल
फॉर्मुलेशन
क्लेविरा
को
हल्के
और
मध्यम
कोविड-19
के
मामलों
में
इलाज
के
लिए
रेगुलेटरी
की
मंजूरी
मिल
गई
है।'
कंपनी
ने
यह
भी
बताया
है
कि
''क्लेविरा'
को
2017
में
डेंगू
के
मरीजों
के
इलाज
के
लिए
विकसित
किया
गया
था।
पिछले
साल
जब
देश
में
कोविड-19
के
केस
बढ़
रहे
थे,
तब
इसे
कोरोना
वायरस
के
हल्के
और
मध्यम
लक्षणों
के
लिए
सह
उपचार
के
तौर
पर
रखा
गया।
यह
प्रोडक्ट
पूरे
भारत
में
उपलब्ध
है
और
इसकी
एक
टैबलेट
की
कीमत
11
रुपये
है।'
कंपनी
का
कहना
है
कि
पिछले
साल
मई-जून
में
100
लोगों
पर
इसका
क्लीनिकल
ट्रायल
किया
गया
और
परिणाम
प्रॉमिसिंग
थे।
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आयुष
मंत्रालय
के
रेगुलेटरों
ने
दी
मंजूरी
कंपनी
का
कहना
है
कि
'काफी
गहरी
पड़ताल
और
छानबीन
के
बाद
इस
दवा
को
हल्के
और
मध्यम
लक्षण
वाले
कोरोना
मरीजों
के
सहायक
इलाज
के
लिए
मंजूरी
मिली
है।
यह
मंजूरी
आयुष
मंत्रालय
के
रेगुलेटरों
ने
दी
है,
जो
देश
में
इस
प्रकार
की
पहली
मंजूरी
है।
इसके
अलावा
केंद्रीय
आयुर्वेदिक
विज्ञान
शोध
परिषद
और
इंटरडिसिप्लिनरी
टेक्निकल
रिव्यू
कमिटी
ने
भी
इसकी
छानबीन
की
है।
'
कंपनी
के
इंटरनेशनल
बिजनेस
के
मैनेजर
सी
अर्थर
पॉल
ने
कहा
है
कि
''क्लेविरा'
लीवर
और
किडनी
से
जुड़े
रोगों
से
पीड़ित
मरीजों
के
लिए
भी
हर
तरह
से
सुरक्षित
है
और
इसे
दूसरी
दवाओं
के
साथ
सेवन
से
भी
कोई
नुकसान
नही
है।'
उनके
मुताबिक
यह
दवा
2
साल
लेकर
हर
उम्र
तक
के
मरीजों
की
दी
जा
सकती
है।