ये हैं महाराष्ट्र के सियासी गणित को बदलने वाले
महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कुछ दिन से चंद नाम बार-बार चर्चा में आ रहे हैं. ये वो लोग हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम में अपनी अहम भूमिका अदा की है. ये वही लोग हैं जिन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने, दो नेताओं को शपथ दिलाए जाने और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में आने तक पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं
महाराष्ट्र की राजनीति में बीते कुछ दिन से चंद नाम बार-बार चर्चा में आ रहे हैं. ये वो लोग हैं जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम में अपनी अहम भूमिका अदा की है.
ये वही लोग हैं जिन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाए जाने, दो नेताओं को शपथ दिलाए जाने और फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में आने तक पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं या सवाल उठाने वालों को बोलकर या ख़ामोशी से अपने जवाब दिए हैं.
क्रम में ये नाम आगे-पीछे हो सकते हैं. सबसे पहले बात शरद पवार की.
शरद पवार- शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी माने जाते हैं.
भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में भतीजे अजित पवार के उप मुख्यमंत्री बनते ही 78 वर्षीय शरद पवार ने मोर्चा संभाला.
इसके बाद वे पार्टी विधायकों को एकजुट करने की क़वायद में जुट गए.
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
शरद पवार ने रविवार शाम को ट्वीट कर स्पष्ट रूप से कहा है कि उनकी पार्टी पूरी तरह से शिव सेना और कांग्रेस के साथ है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी से गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है.
अजित पवार - महाराष्ट्र की राजनीति की बिसात पर अजित पवार की चाल ने सबको चौंका दिया. उनकी चाल से वे लोग भी चौंक गए जो उन्हें बेहद क़रीब से जानते हैं.
Thank you Hon. Prime Minister @narendramodi ji. We will ensure a stable Government that will work hard for the welfare of the people of Maharashtra. https://t.co/3tT2fQKgPi
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) November 24, 2019
अजित पवार, शरद पवार के भतीजे हैं. वे शुक्रवार शाम तक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ थे.
लेकिन शनिवार सुबह उन्होंने भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
देवेंद्र फडणवीस- देवेंद्र फडणवीस बीते 40 वर्षों में महाराष्ट्र के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जो अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए.
राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाकर उन्हें एक बार फिर सत्ता के केंद्र में ला दिया है.
बीजेपी विधायक दल के नेता के तौर पर अब उन्हें विधानसभा में बहुमत साबित करना है.
संजय राउत -संजय राउत शिवसेना के राज्यसभा सांसद और पार्टी के प्रवक्ता हैं.
राज्य में जारी वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को एक नई दिशा देने में संजय राउत की अहम भूमिका रही है.
शिव सेना के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक संजय राउत अपने चुटीले और तर्कपूर्ण बयानों के लिए जाने जाते हैं.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) November 24, 2019
राज्य में जारी सियासी रस्साकशी में संजय राउत ने निश्चित रूप से अपने राजनीतिक क़द को नई ऊंचाइयां दी हैं.
उद्धव ठाकरे- बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना मुख्यमंत्री के मुद्दे पर गठबंधन से अलग हो गई.
इसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी.
लेकिन उद्धव किसी मंज़िल पर पहुंचते, उससे पहले राज्यपाल ने देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी.
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की अपनी पार्टी पर पकड़ बहुत मज़बूत मानी जाती है.
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अमित शाह- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी कहे जाते हैं.
मुख्यमंत्री के मुद्दे पर महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने में उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है.
इसके बाद शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी के सरकार बनाने की कवायद शुरू होने पर आनन-फानन में देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बना दिया गया.
माना जाता है कि इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम में अमित शाह की अहम भूमिका रही है.
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अशोक चव्हाण-अशोक चव्हाण महाराष्ट्र में कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं.
शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार गठन प्रक्रिया में अशोक चव्हाण की भूमिका प्रमुख रही है.
वह बीजेपी पर लगातार हमलावर रहे हैं.
भगत सिंह कोश्यारी-उत्तराखंड में बीजेपी के मुख्यमंत्री रहे भगत सिंह कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
जब किसी दल को स्पष्ट बहुमत ना मिले, राज्यपाल की भूमिका काफी अहम हो जाती है.
चुनाव के बाद नई सरकार गठन के लिए तय अवधि पूरी होने के पश्चात राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया.
इसके बाद राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार सुबह बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
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रामनाथ कोविंद -महाराष्ट्र में शनिवार तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए दिया गया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंज़ूरी के बिना ये संभव नहीं था.
हालांकि इसकी अनुशंसा केंद्रीय मंत्रिमंडल करता है, लेकिन उस पर अंतिम मोहर राष्ट्रपति ही लगाते हैं.