लाल किला कवि सम्मेलन: केजरीवाल ने कुमार विश्वास को यहां से भी हटाया
इस मामले में आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कुमार विश्वास को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं जहां एक डेढ़ घंटे के इंटरव्यू आ रहे हैं जो लोग सुनना चाहें वहां कुमार विश्वास को सुन सकते हैं
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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और कुमार विश्वास के बीच खींचतान और बढ़ती जा रही है। दिल्ली सरकार की तरफ से लाल किले पर आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन में कवि और नेता कुमार विश्वास को न्योता नहीं दिया गया है। दिल्ली सरकार के कला संस्कृति विभाग के तहत आने वाली हिंदी अकादमी राष्ट्रीय कवि सम्मेलन कर रही है, लेकिन इसमें आप के नाराज नेता और कवि कुमार विश्वास को आमंत्रित नहीं किया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद ये पहला मौका है जब कुमार विश्वास इस कवि सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।
कुमार विश्वास ने तीखा वार किया है
बुधवार को हो रहे कवि सम्मेलन में आमंत्रण नही मिलने पर कुमार विश्वास ने भी तीखा वार किया है। विश्वास ने कहा कि इस बार परिस्थितियां ऐसी है कि सरकार की हिम्मत नहीं है कि उन्हें श्रोता रूप में भी सहन कर सके। सरकार में बैठे लोग उनसे नजरें चुराने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन लाल किले के कवि-सम्मेलन में निमंत्रण मिलना-न मिलना उनके लिए महत्वपूर्ण विषय नहीं है क्योंकि वो लोगों के दिलों के लाल किले में बसे हुए हैं।
'कभी-कभी भाईयों के बीच मनमुटाव हो जाता है'
इस मामले में आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने कुमार विश्वास को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से प्लेटफॉर्म हैं जहां एक डेढ़ घंटे के इंटरव्यू आ रहे हैं जो लोग सुनना चाहें वहां कुमार विश्वास को सुन सकते हैं। वहीं कुमार विश्वास की ओर से हो रही बयानबाजी पर भारद्वाज ने कहा कि पार्टी के तमाम सदस्य परिवार की तरह हैं। कभी-कभी भाईयों के बीच मनमुटाव हो जाता है।
आप सरकार में तीसरी बार राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन
आम आदमी पार्टी की सरकार में हिंदी अकादमी द्वारा तीसरी बार राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशभर से 21 कवि हिस्सा लेने पहुंचेंगे। कवि सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करेंगे। आप सरकार के कार्यकाल में हुए बीते 2 सम्मेलनों में कुमार विश्वास बतौर गेस्ट बुलाए गए थे, लेकिन इस बार उन्हें कोई निमंत्रण नहीं पहुंचा। यह गतिरोध विश्वास और दिल्ली सरकार के बीच अकसर होने वाले झगड़ों का नतीजा है।
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