'ग्रामीण स्वच्छता' के मामले में तेलंगाना नंबर-1, असम-बिहार के गांव सबसे गंदे
नई दिल्ली, 03 अक्टूबर। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी) 2022 के अनुसार तेलंगाना, हरियाणा और तमिलनाडु ग्रामीण स्वच्छता के मानकों पर सभी बड़े राज्यों में सबसे बेहतर हैं। जबकि ग्रामीण स्वच्छता के मामले में असम, बिहार, जम्मू और कश्मीर तीन सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्य हैं। वहीं, सबसे स्वच्छ जिलों की बात करें तो हरियाणा के भिवानी को पहला स्थान मिला है। जबकि दूसरा और तीसरा स्थान तेलंगाना के जगतियाल और निजामाबाद जिलों को मिला है। इस मायने में असम का गोलाघाट जिला सबसे नीचे है। गोलाघाट जिलों को 709 जिलों में सबसे कम रैंक मिली है। वहीं, दो अन्य सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिले बिहार के बांका (708 रैंक) और कटिहार (707) हैं। आपको बता दें कि दिल्ली और चंडीगढ़ को इसमें शामिल नहीं किया था। क्योंकि ये दोनों शहर पूरी तरह से शहरीकृत हैं।
राष्ट्रपति
मुर्मू
ने
रविवार
को
जारी
की
थी
रिपोर्ट
स्वच्छ
सर्वेक्षण
ग्रामीण
(एसएसजी)
2022
की
रैंकिंग
रविवार
को
राष्ट्रपति
द्रौपदी
मुर्मू
ने
जारी
की
थी।
यह
रिपोर्ट
ग्रामीण
स्वच्छता
के
कई
मानकों
को
मिलाकर
तैयार
की
गई
थी।
इससे
पहले
शनिवार
को
राष्ट्रपति
मुर्मू
ने
शहरी
क्षेत्रों
की
स्वच्छता
स्थिति
की
रिपोर्ट
जारी
की
थी।
आपको
बता
दें
कि
आवास
और
शहरी
मामलों
का
मंत्रालय
शहरी
क्षेत्रों
की
स्वच्छता
रैंकिंग
जारी
करता
है।
जबकि
जल
शक्ति
मंत्रालय
ग्रामीण
क्षेत्रों
का
सर्वेक्षण
कर
रैंकिंग
जारी
करता
है।
गौरतलब है कि गांधी जयंती को अब स्वच्छ भारत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। रविवार को मुर्मू ने जल जीवन मिशन के तहत "नल कनेक्शनों की कार्यक्षमता आकलन" पर भी स्थिति रिपोर्ट जारी की। इसमें पुडुचेरी को 60% से अधिक कवरेज श्रेणी के तहत सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला, जबकि गोवा को दूसरा स्थान मिला है। वहीं, 60% से कम कवरेज में राज्यों में पहले स्थान पर तमिलनाडु है, जबकि दूसरे स्थान पर मेघालय है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले को 'हर घर योजना' के लिए स्पेशल अवॉर्ड दिया गया है।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सत्य और अहिंसा की तरह महात्मा गांधी स्वच्छता पर भी जोर देते थे। उन्होंने कहा कि एक बार गांधी जी ने कहा था कि यदि बच्चों में शुरू से ही स्वच्छता की आदत डाल दी जाए तो वे जीवन भर स्वच्छता के प्रति जागरूक रहेंगे। वहीं, कार्यक्रम के दौरान नए बने शौचालयों का भी मुर्मू ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत अक्टूबर 2014 से अब तक 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इससे करीब 60 करोड़ लोगों के व्यवहार में बदलाव आया है।
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