इलेक्शन की जगह 'बम्पर सेल' लगा दो, सियासी संकट पर बोलीं स्वरा भास्कर, CM उद्धव के समर्थन में आईं सिमी ग्रेवाल
महाराष्ट्र में सियासी घमासान कई दिनों से जारी है। उद्धव सरकार पर संकट के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर चुनाव पर ही सवाल उठाए हैं।
मुंबई, 23 जून : महाराष्ट्र में सियासी घमासान कई दिनों से जारी है। उद्धव सरकार पर संकट के बीच बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर चुनाव पर ही सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चुनने की आवश्यकता ही क्या है? साथ ही महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक ड्रामा को अविश्वसनीय 's**tshow' करार दिया है। स्वरा भास्कर ने कहा कि हम वोट देते ही क्यों हैं.. इलेक्शन की जगह हर 5 साल में 'बम्पर सेल' लगा दो।
क्या बोलीं सिमी ग्रेवाल
वहीं इसके बाद गुजरे जमाने के अभिनेता और मशहूर टॉक शो 'रेंडीज़वस विद सिमी ग्रेवाल' की होस्ट सिमी गरेवाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में सामने आईं और ठाकरे की "गरिमा और अखंडता" की प्रशंसा की। सिमी गरेवाल ने ट्वीट किया कि चूंकि उन्हें सत्ता का लालच नहीं है, वह कोई राजनीतिक खेल नहीं खेलते हैं। उद्धव ठाकरे जैसी गरिमा और सत्यनिष्ठा वाला नेता मिलना दुर्लभ है।
'करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं'
इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में है। मैं किसी खेमे की बात नहीं करूंगा, मैं सिर्फ अपनी पार्टी की ही बात करूंगा। हमारी पार्टी आज भी मजबूत है। करीब 20 विधायक हमारे संपर्क में हैं, जब वे मुंबई आएंगे तो आपको पता चलेगा। साथ ही ये भी जल्द पता चल जाएगा कि किन परिस्थितियों में इन विधायकों ने हमें छोड़ दिया।
बालासाहेब ठाकरे के सच्चे भक्त नहीं...
शिवसेना सांसद ने कहा कि जो लोग ईडी के दबाव में पार्टी छोड़ रहे हैं, वे बालासाहेब ठाकरे के सच्चे भक्त नहीं हैं। हम सच्चे बालासाहेब भक्त हैं... ईडी का दबाव भी है लेकिन उद्धव ठाकरे के साथ खड़े रहेंगे। जब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा तो सभी देखेंगे कि कौन निगेटिव है और कौन पॉजिटिव।
गहराता जा रहा संकट
बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार का संकट गहराता जा रहा है। संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा भंग करने के संकते भी दे दिए हैं। शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। शिवसेना और भाजपा ने यहां मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद दोनों दलों के बीच मतभेद के चलते शिवसेना ने भाजपा से अलग होकर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
जानें मामला
शिवसेना और भाजपा ने 2019 में एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था, भाजपा ने 106 सीटों पर जीत दर्ज की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, वहीं शिवसेना सिर्फ 56 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। दोनों दलों को पूर्ण बहुमत मिला था और आसानी से 288 विधानसभा वाली महाराष्ट्र में सरकार का गठन कर सकते थे। लेकिन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग कर दी और कहा कि ढाई-ढाई साल का कार्यकाल दोनों दलों के पास मुख्यमंत्री का रहना चाहिए। लेकिन भाजपा इसके लिए तैयार नहीं थी। कई महीने तक प्रदेश में सियासी हंगामा चला और उसके बाद ठाकरे ने यह गठबंधन खत्म करके महाविकास अघाड़ी की सरकार का गठन किया।