Sushant Singh Rajput case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 35 पेज का फैसला है, जो कहना था कह चुके
नई दिल्ली। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया और बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के केस में सीबीआई जांच को हरी झंडी दे दी है। रिया चक्रवर्ती की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि सुशांत की मृत्यु की जांच बिहार की बजाय मुंबई में हो। कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार पटना एफआईआर के आधार पर सीबीआई जांच की मंजूरी देने के योग्य है।
यह भी पढ़ें-रिया की वजह से सुशांत के जीजा जी ने बहन से दूर रहने को कह दिया था
Recommended Video
सुप्रीम कोर्ट की सिंगल बेंच का फैसला
जस्टिस ऋषिकेश रॉय की तरफ से सिंगल बेंच की तरफ से यह फैसला सुनाया गया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट आदेश को चुनौती देने वाली महाराष्ट्र सरकार की याचिका को भी मानने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच की तरफ से कहा गया है कि जो एफआईआर पटना में रजिस्टर हुई है, वह मुंबई पुलिस के न्यायक्षेत्र में भी आती है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से महाराष्ट्र सरकार को दो टूक कहा गया है कि आदेश 35 पेज का है और जो कुछ कहना था, वह सब इसमें दर्ज है। अब यह जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है।
एक प्रतिभावान एक्टर बहुत पहले चला गया
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत एक प्रतिभावान एक्टर थे और उनकी क्षमता का भरपूर प्रयोग होने से पहले ही उनका निधन हो गया। बहुत से लोग ऐसे हैं जो जांच का नतीजा जानना चाहते हैं ताकि हर तरह की आशंकाओं पर विराम लग पाए। ऐसे में एक निष्पक्ष, सामर्थ्य और सही जांच इस समय की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा एक निष्पक्ष जांच ही शिकायतकर्ता (जिन्होंने अपना बेटा खोया है, उन्हें इंसाफ दिलाने का उपाय हो सकता है। जस्टिस ऋषिकेश रॉय के मुताबिक सुशांत का परिवार, उनके दोस्त और उनके फैंस जानना चाहते हैं कि जो भी आशंकाएं तैर रही हैं, क्या वो सभी सही हैं।
इंसाफ जिंदगी के बाद भी कायम रहता है
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में रिया चक्रवर्ती का भी जिक्र किया जिन्होंने इस याचिका को दायर किया था। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी और ऐसे में सिर्फ यही उनके लिए इंसाफ का जरिया हो सकता है। एक निष्पक्ष जांच की मदद से असली तथ्यों का सामने आना ही निर्दोषों के लिए इंसाफ का मकसद होता है। समान रूप से जब जांच की अखंडता और विश्वसनीयता समझने योग्य होती है तो एक आम व्यक्ति का भरोसा और आत्मविश्वास देश की न्याय व्यवस्था में बहाल होता है। जब सच, सूरज की रोशनी से मिलता है तो, इंसाफ सिर्फ जिंदा रहने पर ही कायम नहीं रहता है बल्कि जिंदगी के बाद भी उसकी मिसाल दी जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा-सत्यमेव जयते
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इंसाफ मिलने पर ही जिस व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है, उसे भी सुकून की नींद मिलती है। फैसले के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने 'सत्यमेव जयते' कहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार ने भी ट्वीट किया और लिखा, 'सत्यमेव जयते।' बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार, अनुपम खेर, कृति सैनन, अंकिता लोखंडे, कंगना रनौत समेत कुछ और सेलिब्रिटीज ने भी फैसले की सराहना की है। माना जा रहा है कि सीबीआई की टीम गुरुवार को मुंबई पहुंच जाएगी। सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर माउंट ब्लैंक पर मृत पाए गए थे।