कोहिनूर को वापस लाने के लिए निर्देश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोहिनूर वापस लाने के लिए निर्देश देने से किया इनकार, सरकार कर रही है प्रयास
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे बेशकीमती कोहिनूर हीरे को भारत वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देने से साफ इनकार कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम कोहिनूर को युनाइटेड किंगडम से वापस लाने के लिए नहीं कह सकते हैं और ना ही इसकी नीलामी को रोकने का आदेश दे सकते हैं। कोहिनूर को वापस लाने के लिए याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ऐसी संपत्ति पर फैसला नहीं सुना सकती है जो देश की संपत्ति नहीं हो। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एसके कौल की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए यह अहम टिप्प्णी की।
केंद्र सरकार कर रही है कोशिश
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए एफिडेविट के अंश को पढ़ते हुए कहा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर यूके सरकार के साथ रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है। कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी ऑल इंडिया ह्युमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस फ्रंट व बंगाल हेरिटेज नाम की एनजीओ की याचिका पर सुनवाई करते हुए की। इस याचिका में कहा गया है कि भारत ने 1947 में आजादी हासिल की, जिसके बाद केंद्र की कई सरकारों ने बहुत ही कम या कोई प्रयास नहीं किया ताकि कोहिनूर को वापस भारत लाया जा सके।
जबरदस्ती नहीं लिया है कोहिनूर अंग्रेजों ने
गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि ब्रिटिश सरकार द्वारा कोहिनूर को ना तो जबरदस्ती छीना गया था और ना ही इसे चोरी किया गया था ,बल्कि इसे इस्ट इंडिया कंपनी को पंजाब के राजा ने तोहफे में दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या सरकार उसे वापस लाने की इच्छुक है। सरकार ने संसद में कहा था कि लंबे समय से कोहिनूर को भारत लाने की मांग उठ रही है।
चार देश कोहिनूर को अपना बताते हैं
कोहिनूर का मतलब होता है रोशनी का अंबार, इसे दक्षिण भारत में 14वीं शताब्दी में पाया गया था। यह रंगीन हीरा है जोकि दुनिया के सबसे बेशकीमती हीरे के रूप में जाना जाता है। यह 108 कैरेट का हीरा है, जोकि अंग्रेजों के पास ब्रिटिश काल में पहुंचा था, इसे ऐतिहासिक धरोहर माना जाता है और जिसपर चार देश अपना दावा ठोंकते आएं हैं जिसमे से एक भारत है। कोहिनूर पर भारत के अलावा यूके के हाई कमिश्नर, पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी इसपर दावा ठोंका है।
कई अन्य बेशकीमती चीजों को वापस लेने की याचिका
एनजीओ ने अपनी याचिका में टीपू सुल्तान की अंगूठी और तलवार को भी वापस लाने की बात कही है। इसके अलावा टीपू सुल्तान, बहादुर शाह जफर, झांसी की रानी, नवाब मीर अहमद अली बांदा सहित देश के कई राजाओं के जेवरात को वापस लाने के लिए एनजीओ ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।