NIA करेगी 'लव जिहाद' मामले की जांच, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने केरल लव जिहाद मामले की जांच का दिया आदेश, एनआई को मामले की जांच करने को कहा।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला देते हुए केरल लव जिहाद मामले की जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने एनआईए को केरल के लव जेहाद के मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं। जबकि का कहना है कि केरल में यह इकलौता मसला नहीं है इसलिए इसकी जांच सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं रखनी चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय की दो जजों की बेंच ने इस जांच को सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज आर वी रवींद्रन की देख रेख में करने को कहा है।
एनआईए की ओर से एडिशनल सोलिसिटर जनरल ने अपनी दलील में कहा कि केरल में धर्म परिवर्तन का यह अकेला मामला नहीं है, जिसके जवाब में जस्टिस जे एस खेहर ने कहा कि यह बात केरल की हाई कोर्ट ने भी अपने फैसले में कही थी और वे भी इससे इत्तेफाक रखते हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही केरल की पुलिस को यह जांच एनआईए को सौंपने का आदेश दे दिया था। कुछ दिनों पहले केरल हाई कोर्ट ने शफीन कगन नाम के एक मुस्लिम युवक की हदिया नाम की एक हिंदू लड़की से शादी के बाद जबरन धर्म परिवर्तन बताकर निरस्त कर दिया था। जिसके बाद शफीन ने उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली।
और भी मामले में हुआ है धर्म परिवर्तन
एनाआईए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया की उसने दो और मामलों में उसके सामने जबरन धर्म परिवर्तन की बात सामने आई है। जिसमे लड़की को बहला फुसला के उससे शादी की गई है और उसका धर्म परिवर्तन करा दिया गया। कई बार तो लड़कियां अपने घर वालों के खिलाफ जाकर शादी करने को राजी हो जाती हैं। एनआईए ने यह भी बताया की इन धर्म परिवर्तनों को एक सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया जा रहा है जिसके तार मुस्लिम कट्टरवादी संगठन सिमी से भी जुड़े हो सकते हैं।
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कपिल सिब्बल की मांग को कोर्ट ने खारिज किया
शफीन की तरफ से दलील दे रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य की क्राइम ब्रांच ने अब तक अपनी जांच पूरी नहीं की है जिसके पूरे हो जाने के बाद ही एनआईए को जांच सौंपी जानी चाहिए। हालांकि जस्टिस खेहर ने मामले की गंभीरता का हवाला देते हुए सिब्बल की इस दलील को खारिज कर दिया।