विवादों में घिरने के बाद जस्टिस एके सीकरी ने ठुकराया मोदी सरकार का ऑफर
विवादों में घिरने के बाद जस्टिस सीकरी ने ठुकराया सरकार का ऑफर
नई दिल्ली। देश के सर्वोच्च अदालत के जस्टिस एके सीकरी विवादों में घिरने के बाद केंद्र सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से उन्हें रिटारमेंट के बाद कॉमनवेल्थ सेक्रटरिएट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल के सदस्य के तौर पर मनोनीत किए जाने का ऑफर दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक 6 मार्च को जस्टिस सीकरी रिटायर हो रहे हैं, जिसके बाद सरकार की ओर से उन्हें लंदन स्थित कॉमनवेल्थ सेक्रटरिएट आर्बिट्रल ट्राइब्यूनल के सदस्य के लिए मनोनीत किया गया, लेकिन इस पर विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
दरअसल
कांग्रेस
सरकार
द्वारा
दिए
गए
इस
ऑफर
को
उनके
द्वारा
सीबीआई
डायरेक्टर
को
हटाए
जाने
पर
उनकी
सहमति
से
जोड़
दिया,
जिसके
बाद
विवाद
बढ़ता
देखकर
जस्टिस
सीकरी
ने
इस
प्रस्ताव
को
ठुकरा
दिया।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
पिछले
साल
दिसंबर
महीने
के
पहले
सप्ताह
में,
सरकार
ने
जस्टिस
सीकरी
से
संपर्क
किया
और
उन्हें
CSAT
में
खाली
पड़े
स्थान
के
बारे
में
सूचित
किया
और
बाद
में
आठ
सदस्यीय
निकाय
के
सदस्य
के
रूप
में
नामित
होने
के
लिए
उनकी
सहमति
ली,
लेकिन
कांग्रेस
द्वारा
इस
मामले
को
उछाले
जाने
के
बाद
जस्टिस
सीकरी
ने
इस
प्रस्ताव
को
अस्वीकार
कर
दिया
है।
गौरतलब
है
कि
जस्टिस
सीकरी
6
मार्च
को
सुप्रीम
कोर्ट
से
रिटायर
होंगे।
सीबीआई
चीफ
विवाद
में
सुप्रीम
कोर्ट
के
8
जनवरी
के
आदेश
के
बाद
सुप्रीम
कोर्ट
के
चीफ
जस्टिस
ने
जस्टिस
सिकरी
को
सेलेक्शन
पैनल
के
हिस्से
के
रूप
में
भारत
के
चीफ
जस्टिस
का
प्रतिनिधित्व
करने
का
आदेश
दिया।