राफेल डील की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट उठाए ये तीन बिंदु
नई दिल्ली। राफेल डील को लेकर याचिकाकर्ताओं की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की। राफेल सौदे पर बुधवार दोपहर बाद सुनवाई शुरू होने पर वायुसेना और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एयर वाइस मार्शल चेलापति से हाल में शामिल किए गए विमानों के बारे में पूछताछ की। कोर्ट आज की सुनवाई में तीन मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित किया।
इस पूरी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने तीन अहम बिन्दुओं पर गौर किया। इसे लेकर ही सरकार से पूछताछ कर रहा है।
1- कोर्ट ने सरकार से विमान की खरीद के प्रकिया को लेकर जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सरकार से इस सौदे के पूरी जानकारी मांगी थी।
2- कोर्ट ने राफेल एयरक्राफ्ट के मूल्यों की भी जानकारी मांगी है, हालांकि कोर्ट ने विमान के मूल्य अभी सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है। जिसके चलते याचिकाकर्ताओं को बड़ा झटका लगा है।
3- कोर्ट ने सरकार से विमान सौदे में ऑफसेट पार्टनर चुने जाने की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी मांगी है। याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका से इस मुद्दे पर सबसे अधिक जोर दिया है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कुछ राहत दी है। शीर्ष अदालत ने कहा- जब तक हम तय नहीं करते तब तक सरकार को इस विमान की कीमत पर याचिकाकर्ताओं के विवादों का जवाब देने की जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने अपनी दलील में कहा- राफेल डील में बदलाव किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे कि इसे अंबानी की कंपनी को दिया जाए। कोर्ट ने इस मामले में अपनी फैसला सुरक्षित रखा है। अगली सुनवाई में कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
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