मुलायम बनाम अखिलेश: एसपी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर लग सकती है रोक
सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया है। उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है।
लखनऊ। जिस तरह से सपा पार्टी का झगड़ा सड़क पर आ गया है, उसने ये तो साबित कर दिया कि पार्टी के अब दो हिस्से हो चुके हैं। एक हिस्सा अखिलेश को पसंद करता है तो दूसरा हिस्सा शिवपाल यादव को।
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ऐसे में अब वर्चस्व की इस लड़ाई में यदि दोनों खेमों ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना हक जताने की कोशिश की, तो हो सकता है कि विधानसभा चुनाव से पहले सपा के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर ही बैन लग जाए।
रामगोपाल यादव के 4 प्रस्ताव पेश
आपको बता दें कि राजधानी में समाजवादी पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा बुलाए गए विशेष अधिवेशन में रविवार को पार्टी नेताओं ने रामगोपाल यादव के 4 प्रस्ताव को पारित कर दिया है।
4 प्रस्ताव
- सपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया है।
- उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है।
- पार्टी महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी ने निकालने का प्रस्ताव रखा गया है।
- और मुलायम सिंह को मार्गदर्शक की भूमिका दी गई है।
प्रस्तावों की जानकारी अब चुनाव आयोग को देनी है
इन प्रस्तावों की जानकारी अब चुनाव आयोग को दी जानी है, ऐसे में अगर मुलायम और अखिलेश दोनों ही खेमों के किसी ने भी आयोग के सामने चुनाव चिह्न को लेकर दावेदारी पेश की तो हो सकता है कि आयोग को ये रद्द करना पड़े क्योंकि भले ही मुलायम अपनी साइकिल पर बैठकर यूपी की सत्ता पर शासन किया हो लेकिन इस चुनाव चिह्न का रजिस्ट्रेशन उनके धुर विरोधी रामगोपाव यादव के नाम पर हैं।
चुनाव चिह्न को लेकर नूरा कुश्ती ना हो
ऐसे में चुनाव चिह्न को लेकर नूरा कुश्ती ना हो, इससे बचने के लिए आयोग चुनाव चिह्न को ही रद्द कर सकता है, वैसे ये बातें तब होंगी जब चुनाव चिह्न को लेकर झगड़ा होगा।