सपा-कांग्रेस ने ठुकराया मेरे गठबंधन का प्रस्ताव, अब बीजेपी खाएगी मलाई: शिवपाल यादव
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सपा-बसा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, उसके बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। लेकिन सपा से अलग हुए शिवपाल यादव का कहना है कि उन्होंने अखिलेश यादव और कांग्रेस को कई बार गठबंधन का प्रस्ताव दिया, लेकिन दोनों ही दलों ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया, ऐसे में अगर चुनाव में भाजपा को फायदा मिलता है तो इसके लिए पूरी तरह से कांग्रेस और सपा जिम्मेदारी होंगी।
जिस तरह से मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और मायावती के बीच संबंध बेहतर हुए हैं और दोनों एक दूसरे के लिए वोट मांग रहे हैं, उसपर शिवपाल यादव ने कहा कि यह गठबंधन बेमेल गठबंधन है, जिसका जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं है। इस गठबंधन को सिरे से खारिज करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि आखिर इस बात की गारंटी कौन लेगा कि मायावती दूसरे दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। वह चुनाव के बाद अगर भाजपा को जरूरत पड़ी तो वह भाजपा के साथ भी जा सकती हैं।
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बता दें कि 2018 में शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव से विवादों के चलते सपा से अपना रास्ता अलग कर लिया था और अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था। मुलायम सिंह यादव के साथ 26 साल तक रानजीति में रहने के बाद शिवपाल यादव ने सपा से अपना रास्ता अलग किया था। इस बार लोकसभा चुनाव में उन्होंने कई उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। चुनाव में शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी से 60 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि अन्य प्रदेश से उन्होंने 51 उम्मीदवार उतारे हैं। साथ ही अन्य उम्मीदवारों को टिकट देने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
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