शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अयोध्या के लिए इराक से मंगवाया फतवा, बोले जल्द राम मंदिर बनने जा रहा है
नई दिल्ली। अयोध्या मंदिर पर जिस तरह से पिछले दिनों में शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने बयान दिया था उसके बाद अब उन्होंने मंदरि के हक में एक फतवा मंगवाया है। खबर के मुताबिक रिजवी ने एक फतवा मंगवाया है जिसमें विवादित स्थल पर मस्जिद नहीं होने की बात कही गई है। वसीम रिजवी ने बताया कि उन्होंने इराक के अंतरराष्ट्रीय धर्मगुरु आयतुल्लाह आगा ए शीस्तानी से इस बाबत पूछा था कि क्या किसी विवादित स्थल पर मस्जिद बनाई जा सकती है।
नहीं है इजाजत
वसीम रिजवी के सवाल के जवाब में जो जवाब आया है उसमे कहा गया है कि इस्लाम सैद्धांतिक रूप से ऐसा करने की इजाजत नहीं देता है। साथ ही बोर्ड की ओर से यह भी पूछा गया था कि क्या किसी मुसलमनों को धर्म से निकाला जा सकता है, जिसके जवाब में कहा गया है कि किसी को भी इस्लाम से निकाला नहीं जा सकता है, उसे मुसलमान ही माना जाएगा। जो मुस्लिम है उसके खून, सम्मान और संपत्ति पवित्र है और रक्षा करने के योग्य है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि आयतुल्लाह आगा ए शीस्तानी के फतवा को पूरी दुनिया में माना जाता है, ऐसे में मस्जिद को लेकर जो फतवा दिया गया है वह काफी अहम है।
मौलवियों को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए
रिजवी ने कहा कि मुस्लिम समाज के कुछ मौलवियों को अब अयोध्या के मसले पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने राम मंदिर की पैरवी करते हुए कहा कि अयोध्या में जल्द ही संवैधानिक तरीके से राम मंदिर बनने जा रहा है, इसमे भगवान श्री राम के दर्शन करने वालों की लंबी कतार लगेगी जिसकी पहली कतार में हम भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी रिजवी राम मंदिर के पक्ष में बयान दे चुके हैं, जिसकी वजह से वह अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर आ चुके हैं।
अनशन पर बैठे थे संत
आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर का मसला पिछले कुछ समय से एक बार फिर से चर्चा में है। अयोध्या के छावनी मंदिर के मुख्य पुजारी परमहंस दास राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर कई दिनों तक अनशन पर बैठे रहे, लेकिन 8 अक्टूबर को पुलिस ने जबरन उन्हें अनशन स्थल से हटा दिया।
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