राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर संतों में विरोध के सुर, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य बोले- कोर्ट जाएंगे
लखनऊ। राम मंदिर को लेकर ट्रस्ट बनाए जाने के बाद से ही देश भर में कई जगहों पर विवादों और आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। विरोध में संतों के सुर तेज होते दिख रहे हैं। अयोध्या में राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास ने मामले में ट्रस्ट को लेकर अपना विरोध स्पष्ट कर दिया है और गुरुवार को अयोध्या में संतों की आपात बैठक बुलाई है। वहीं अब शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी ट्रस्ट को लेकर विरोध जता दिया है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वो ट्रस्ट के खिलाफ कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर कोर्ट की अवमानना कर ट्रस्ट बनाए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्रस्ट में शामिल संतों को लेकर आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि तीन महीने की लम्बी प्रतीक्षा में हर सनातनी हिन्दू यह कल्पना करता रहा कि श्रीरामजन्मभूमि में रामजी के मन्दिर के निर्माण के बहाने ही सही हमारे शीर्ष धर्माचार्यों को एक साथ मिलजुलकर काम करने का अवसर मिलेगा। पर पांच फरवरी को आई अधिसूचना में सरकार ने एक अलग ही न्यास और उसमें अपने सदस्यों की घोषणा कर यह जता दिया कि केन्द्र की भाजपा सरकार को हिन्दू धर्म के सर्वोच्च धर्माचार्यों पर तनिक भी भरोसा नहीं है।
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बता दें कि इससे पहले ट्रस्ट के गठन के बाद राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने आरोप लगाया कि अयोध्यावासी संत-महंतों का ट्रस्ट के माध्यम से अपमान किया गया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, उनका इस ट्रस्ट में कहीं कोई नामो-निशान तक नहीं है। नृत्य गोपाल दास ने कहा कि जो ट्रस्ट बना है, उसमें अयोध्यावासी संत-महंतों की अवहेलना की गई है। गुरुवार को दोपहर तीन बजे संत समाज की बैठक होगी। इस बैठक में हम निर्णय लेंगे।