राजस्थान में गुर्जरों का आरक्षण आंदोलन फिर हुआ शुरू, कई ट्रेनों का रुट बदला, 4 ट्रेनें रद्द
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जयपुर। राजस्थान में गुर्जरों ने 5 फीसदी आरक्षण की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार को फिर से अपना आंदोलन शुरू कर दिया है। इसके तहत गुर्जर नेता किरौड़ी सिंह बैंसला शुक्रवार शाम अपने समर्थकों के साथ सवाई माधोपुर में रेलपटरी पर बैठ गए। गुर्जर आंदोलन के कारण जयपुर जाने वाली 4 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। 7 ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया है। इससे सवाई माधोपुर बयाना खंड पर कुछ रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं। आरक्षण आंदोलन के कारण पश्चिम मध्य रेलवे जोन के कोटा डिवीजन में पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया और एक को डायवर्ट किया गया।
आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
इस बीच, राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की है जो गुर्जर नेताओं से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास करेगी। गुर्जर आंदोलन की वजह से राजस्थान के सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन रेल सेक्शन के बीच रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित है।वहीं, दिल्ली से मुंबई रूट पर चलने वाली 22 ट्रेनें भी इस आंदोलन की वजह से प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति को देखते हुए वहां दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 20 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर(0744-2467153, 0744-2467149) जारी किया हैं।
किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आंदोलन
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गुर्जर समाज को रिजर्वेशन देने की बात की थी, लेकिन बातचीत के लिए 20 दिन का अल्टीमेटम देने के बावजूद उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया। नाराज गुर्जर समाज इसी मांग को लेकर शुक्रवार शाम को महापंचायत के बाद आंदोलन का ऐलान किया गया। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जरों का नेतृत्व कर रहे हैं। आंदोलन के कारण सवाई माधोपुर और बयाना जंक्शन रेल सेक्शन के बीच रेल यातायात प्रभावित है।
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हमारे पास अच्छा सीएम और अच्छा पीएम है
गुर्जर समुदाय के एक सदस्य ने शनिवार को कहा, 'हमारे पास अच्छा सीएम और अच्छा पीएम है, हम चाहते हैं कि वह गुर्जर समुदाय की मांगें सुनें। हमारी आरक्षण की मांग पूरी करना उनके लिए कोई बड़ा काम नहीं है।' वहीं रेल पटरी पर बैठने के बाद बैंसला ने कहा कि यह आरपार की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने वादे पर खरा उतरना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हालात बदल गए हैं, इस बार हम चूकेंगे नहीं। गुर्जर नेता अपनी मांग के समर्थन में रेल व सड़क मार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दे चुके हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में गुर्जरों के आंदोलन का मुद्दा 14 साल से चल रहा है।
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