तेलंगाना में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका, पूर्व मंत्री बीजेपी में हुईं शामिल
नई दिल्ली। तेलंगाना कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। उनकी एक पूर्व मंत्री डीके अरुणा मंगलवार को नई दिल्ली में पार्टी प्रमुख अमित शाह, राष्ट्रीय महासचिव राम माधव, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और अन्य की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गईं। अरुणा के महबूबनगर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की संभावना है। उन्हें बीजेपी कांग्रेस के उम्मीदवार वामशी चंद रेड्डी के खिलाफ उतार सकती है। बता दें कि, तेलंगाना में कांग्रेस के आठ विधायक पहले ही पार्टी सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) में शामिल हो चुके हैं।
अरुणा, जिन्होंने गडवाल विधानसभा क्षेत्र का तीन बार प्रतिनिधित्व किया है, उन्होंने आधी रात को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में उनसे मुलाकात की ओर बीजेपी में शामिल हो गईं। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव भी थे, जिन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी में उन्हें शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा, कांग्रेस को तेलंगाना में अपने गौरव को फिर से पाने की कोई उम्मीद नहीं है। भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है। उन्होंने आगे विश्वास जताया कि भाजपा सत्ता में वापस आएगी और नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे।
59 वर्षीय नेता, जो शुरू से ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुईं थी। वह वाईएस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान एक मंत्री थीं। उनके पास लघु उद्योग, चीनी, खादी और ग्रामोद्योग मंत्रालय का प्रभार था। महबूबनगर संसदीय क्षेत्र से भाजपा उन्हें उम्मीदवार बना सकती है। इससे पहले उन्होंने इसी सीट से कांग्रेस पार्टी की टिकट की पेशकश को अस्वीकार कर दिया था।
अरूणा कांग्रेस के पूर्व विधायक चित्तम नरसी रेड्डी की बेटी हैं। उन्होंने 2004 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीतीं। हालाँकि, उन्होंने 2009 में कांग्रेस में वापसी की और 2009 तक के विधानसभा चुनावों तक अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा। 2018 के विधानसभा चुनावों में उन्हें उनके भतीजे बंदला मोहन कृष्ण रेड्डी ने हराया था।
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