साइंस चैनल का दावा, रामसेतु सिर्फ कोरी कल्पना नहीं
नई दिल्ली। रामसेतु के अस्तित्व को लेकर सवाल बार कई बार उठते रहे हैं। एक बार फिर से रामसेतु को लेकर बहस शुरू हो गई है। एक साइंस चैनल ने रामसुत के निर्माण को लेकर सवाल उठाया है। एक साइंस चैनल ने दावा किया है कि रामसेतु की कल्पना कोरी कल्पना नहीं है। चैनल के मुताबिक, इस बात के प्रमाण हैं कि भारत और श्रीलंका के बीच स्थित इस बलुई रेखा पर मौजूद पत्थर करीब 7000 साल पुराने हैं।
चैनल ने दावा किया है किया है कि इस बात के प्रमाण मिले हैं कि भारत और श्रीलंका के बीच बलुई रेखा पर जो पत्थर मौजूद है वो करीब 7000 साल पुराने हैं। चैनल ने इस बात के प्रमाण के लिए एक वीडियो ट्विटर पर अपलोड किया है,जिसमें इस बात का प्रमाण दिया जा रहा है कि भारत-श्रीलंका के बीच कोई रामसेतु है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि रामसेतु पर पाए जाने वाले पत्थर बिल्कुल अलग और करीब 7000 साल पुराने हैं। साइंस चैनल ने सोमवार को ये वीडियो डाला और जो देखते ही देखते भारत में वायरल हो गया। विडियो में कुछ भूविज्ञानियों और वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि रामसेतु पर पाए जाने वाले पत्थर बिल्कुल अलग और बेहद प्राचीन हैं।
Are the ancient Hindu myths of a land bridge connecting India and Sri Lanka true? Scientific analysis suggests they are. #WhatonEarth pic.twitter.com/EKcoGzlEET
— Science Channel (@ScienceChannel) December 11, 2017
साइंस चैनल के इस वीडियो में भूवैज्ञानिक ऐलन लेस्टर ने दावा किया है कि हिंदू धर्म में भगवान राम द्वारा ऐसे ही एक सेतु के निर्माण का जिक्र है। लेकिन जब इस सेतु के बारे में शोध किया गया तो पता चला बलुई धरातल पर मौजूद पत्थर कहीं और से लाए गए हैं और काफी पुराने है। वीडियो में वैज्ञानिक चेल्सी रोज़ कहती हैं कि इस सेतु पर जो पत्थर हैं वो करीब 7000 साल पुराने हैं, जबकि बलुई धरती करीब 4000 साल पुराने हैं। चैनल ने इस स्टीड के निष्कर्ष पर पहुंचा कि ये सेतु प्रकृतिक तौर पर तो नहीं बनी है, बल्कि इस सेतु को इंसानों द्वारा ही करीब 5000 साल पहले बनाया गया है।