'बच्चे 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो जज 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते', जस्टिस ललित ने SC में क्यों कही ये बात
नई दिल्ली, 15 जुलाई: 'अगर बच्चे सुबह सात बजे स्कूल जा सकते हैं, तो जज और वकील अपना दिन नौ बजे क्यों शुरू नहीं कर सकते', सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस यू ललित ने शुक्रवार को ये टिप्पणी की। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट आमतौर पर मामलों की सुनवाई सुबह 10.30 बजे शुरू करता है, लेकिन आज जस्टिस यूयू ललित एक घंटे पहले कोर्ट पहुंचें और सुबह 9.30 बजे मामले की सुनवाई शुरू की।
'आदर्श रूप से, हमें सुबह 9 बजे आना चाहिए'
जस्टिस ललित ने कहा कि अगर बच्चे रोजाना सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो न्यायाधीश और वकील सुबह 9 बजे कोर्ट में क्यों नहीं आ सकते। उन्होंने कहा, 'आदर्श रूप से, हमें सुबह 9 बजे आना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि अगर हमारे बच्चे सुबह 7 बजे स्कूल जा सकते हैं, तो हम 9 बजे कोर्ट क्यों नहीं आ सकते?' जस्टिस यू ललित ने आगे कहा कि अगर कोर्ट सुबह 9 बजे शुरू होती हैं और सुबह 11.30 बजे तक चलती हैं तो आधे घंटे का ब्रेक मिलेगा, इसके बाद फिर 12 बजे से कोर्ट शुरू हो सकती है और 2 बजे तक चलती हैं। उन्होंने कहा कि इससे आपको शाम को और काम करने का समय मिलेगा।
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सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने भी सुबह 9.30 बजे मामलों की सुनवाई शुरू की। एक मामले में पीठ के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने मामले को एक घंटे पहले उठाने को लेकर कोर्ट की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोर्ट की कार्यवाही शुरू करने के लिए सुबह 9.30 बजे एक अच्छा टाइम है।