50 फीसदी वोटों का सत्यापन: 21 दलों की याचिका पर EC को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी दलों की उस याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है जिसमें मांग की गई थी कि आगामी चुनावी नतीजों से पहले 50 फीसदी वोटिंग की जांच बैलेट पेपर से कराई जाए। गुरुवार को 21 विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी मांग को लेकर याचिका दायर की थी। कई विपक्षी दल ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत करते रहे हैं और बैलैट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग उठाते रहे हैं।
इस मामले में कांग्रेस, चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी, शरद पवार की एनसीपी, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, वामपंथी पार्टियां, समाजवादी पार्टी और मायावती की पार्टी बसपा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम के साथ हर मतदान केंद्र पर वीवीपीएटी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। चुनाव आयोग विपक्ष की इस मांग को पहले ही नकार चुका है जिसके बाद अब राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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चुनाव आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि लोकसभा चुनाव में 100 फीसदी वीवीपैट मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा था कि बूथ पर पेपर ट्रेल्स का मिलान ईवीएम से किया जाएगा। बता दें कि देश में लोकसभा चुनाव सात चरणों में सम्पन्न होंगे। पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल को जबकि आखिरी चरण के लिए मतदान 19 को संपन्न होंगे। वहीं, लोकसभा चुनावों के नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) और ईटीएस को लेकर दायर याचिका पर जवाब मांग चुका है। अदालत ने चुनाव आयोग से उस याचिका का जवाब मांगा है जिसमें कहा गया था कि सरकार ईवीएम, वीवीपीएटी और ईटीएस से जुड़े सभी सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स का स्वतंत्र रूप से ऑडिट करे।