संयुक्त किसान मोर्चे का बड़ा फैसला, ट्रैक्टर मार्च किया स्थगित
नई दिल्ली, 27 नवंबर: दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक हुई। इस बैठक में आंदोलन के भविष्य को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की मीटिंग में ट्रैक्टर से संसद मार्च को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। सूत्रों की मानें तो किसानों ने 29 नवंबर को ट्रैक्टर से होने वाले संसद मार्च को स्थगित कर दिया है।
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बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को स्थगित करने का फैसला किया है। पीएम नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे को विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश देना चाहिए। बैठक में किसान नेता बलबीर राजेवाल, राकेश टिकैत, गुरनाम चढ़ूनी, जोगिंदर उग्राहां समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
बीकेयू नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि, संसद कूच करने का कार्यक्रम स्थगित हुआ है खत्म नहीं हुआ है, हम इस पर 4 तारीख को फैसला लेंगे। सरकार को किसानों के सारे मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा से बात करना होगा और बिना एमएसपी के हमारा मोर्चा वापस नहीं होगा। हम सरकार की आज की घोषणाओं से सहमत नहीं है। एसकेएम की आज की बैठक में, हमने तब तक विरोध जारी रखने का फैसला किया है जब तक सरकार एमएसपी, विरोध के दौरान किसानों की मौत और लखीमपुर हिंसा मामले पर हमारे साथ बातचीत नहीं करती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एमएसपी की गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई उनको मुआवजा देने के अलावा बिजली बिल के वापस लेने जैसे कई अहम मुद्दे भी उठाए।
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इससे पहले आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से अपील की थी कि प्रदर्शन खत्म करके सभी लोग अपने-अपने घर चले जाएं। वहीं कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इसे निरस्त करने वाला विधेयक शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश किया जाएगा।