प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद से खादी बनी पसंद, करोड़ों में होने लगी बिक्री
नरेंद्र मोदी खादी के खासे हिमायती रहे हैं। वो जब से प्रधानमंत्री बने तभी से खादी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
नई दिल्ली। खादी एक बार फिर से चर्चा में है। हालांकि इस बार वजह विवादित है। विवाद इस बात का खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर और डायरियों पर खादी का प्रतिरूप महात्मा गांधी की जगह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई गई है। हालांकि आंकड़ों की मानें तो पीएम मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने और उनकी ओर से खादी का प्रमोशन करने के बाद से बिक्री में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह बात दीगर है कि पीएम मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात और कई अन्य मंचों के जरिए लोगों से अपील कर चुके हैं कि खादी का प्रयोग किया जाए।
आंकड़े
बताते
हैं
कि
वित्तीय
वर्ष
2015-16
में
खादी
के
उत्पादों
की
बिक्री
1510
करोड़
रुपए
की
हुई,
जो
वित्तीय
वर्ष
2014-15
सिर्फ
1170
करोड़
रुपए
था।
इतना
ही
एक
साल
के
अंदर
खादी
के
उत्पादों
की
बिक्री
में
29
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
दर्ज
की
गई।
अनुमान
है
कि
इस
साल
ग्रामोद्योग
के
उत्पादों
में
35
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
हो
सकती
है।
आयोग
का
लक्ष्य
है
कि
वर्ष
2018
में
5,000
करोड़
रुपए
की
बिक्री
की
जाए।
आयोग,
खादी
उत्पादों
की
ऑनलाइन
बिक्री
के
लिए
ई-कॉमर्स
कंपनियों
से
बात
कर
रहा
है।
माना
जा
रहा
है
कि
खादी
की
बिक्री
में
इतनी
बढ़ोत्तरी
पीएम
मोदी
की
ओर
से
खादी
के
उत्पादों
के
प्रमोशन
के
कारण
हुई
है।
जानकारी
के
मुताबिक
बीते
साल
18
अक्टूबर
को
पंजाब
के
लुधियाना
में
एक
रैली
के
दौरान
जब
पीएम
मोदी
ने
खादी
देश
के
लिए
और
खादी
फैशन
के
लिए
का
नारा
दिया
था,
उसके
अलगे
ही
रविवार
यानी
23
अक्टूबर
को
ही
दिल्ली
के
कनॉट
प्लेस
स्थित
खादी
ग्रामोद्योग
के
दुकान
पर
बिक्री
1.08
करोड़
रुपए
की
हो
गई।
यह
बिक्री
चार
गुना
ज्यादा
बढ़
गई
थी।
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