कोरोना वायरस आपको मारना नहीं चाहता, बेहतर स्थान देख वो शरीर में रहने आया: सद्गुरु जग्गी वासुदेव
नई दिल्ली। आध्यात्मिक गुरु और ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने कहा है कि कोरोना वायरस इंसान को मारना नहीं चाहता है। वो इंसानी जिस्म में इसलिए आया है क्योंकि इंसान का शरीर उसके रहने के लिए एक शानदार जगह है। उन्होंने कहा, कुछ लोग इससे लड़ते हुए दम तोड़ रहे हैं लेकिन बहुत इससे जीत रहे हैं। ऐसे में हमें थोड़ा ज्यादा प्रयास करने और खुद को ज्यादा मजबूत बनाने की जरूरत है। इंडिया टुडे के साथ बातचीत में जग्गी वासुदेव ने ये बातें कही हैं।
'खुद को मजबूत बनाएं'
जग्गी वासुदेव ने कोरोना का सामना करने को लेकर कहा, हमें खुद और ज्यादा मजबूत करना होगा, थोड़ा ज्यादा प्रयास करने होंगे। ऐसा करने पर हम अगली बार परीक्षा में असफल नहीं होंगे। हमारे पास मानव मन के रूप में सबसे बेहतर मशीन है। हमें इस मैनुअल का सही उपयोग करना होगा। अगर आप अपना मन बनाते हैं, तो आप इस कठिन समय को खुशी से गुजार सकते हैं। हम मन से मजबूत होंगे को कोरोना से भी पार पा सकते हैं।
मुश्किल आने का मतलब जिंदगी खत्म होना नहीं
लंबे समय से लॉकडाउन के चलते लोगों के घरों में बंद होने और महामारी को लेकर चिंता पर सद्गुरु ने कहा, हम सबको एक झटका लगा है, इसको लेकर कोई शक ही नहीं है। लेकिन हमें समझना होगा कि ये जीवन का अंत नहीं है। यह समय हमारी ताकत और ऊर्जा को फिर से समझने का है। यह हमारे लिए एक राष्ट्र के रूप में पनपने का एक अवसर है। उन्होंने कहा, आज सबसे अहम जिंदा रहना है। सबसे पहले हमें तय करना है कि जिंदगी को बचाया कैसे जाए। साथ ही दूसरों की भी मदद के लिए हमें हाथ बढ़ाना ही होगा।
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हम इस वक्त से निकलकर तरक्की करेंगे
देश में आर्थिक तौर पर मुश्किल को लेकर सदगुरू ने कहा कि व्यापार के लिए भारत शानदार जगह है। चीन और अमेरिका को छोड़कर कंपनियां यहां आ रही हैं और इस वक्त के गुजर जाने के बाद आएंगी। इस वक्त से हमें लड़ना है आगे हम फिर से तरक्की के रास्ते पर चलेंगे। बता दें कि भारत और दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 941 नए केस आए हैं और 37 लोगों की मौत हुई है। जिसके बाद गुरुवार को भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 हो गई है। अब तक 414 मौतें इस वायरस के चलते हो चुकी हैं। 10,477 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 1,489 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।