बच्चों के लिए बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का दोबारा खतरा, बढ़ रहा है गले और पैर का इंफेक्शन
बच्चों के लिए बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का दोबारा खतरा, बढ़ रहा है गले और पैर का इंफेक्शन
नई दिल्ली, 11 अगस्त: बच्चों में कोरोना वायरस में हुई वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो जो बच्चे जनवरी या अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे, वे फिर से वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। लेकिन ऐसे मामले अभी कम हैं, जिनका इलाज अभी घर पर किया जा सकता है। हालांकि बच्चे अन्य मौसमी बीमारियों से भी संक्रमित हो रहे हैं। तो वहीं, इस बीच हाथ-पैर और मुंह की बीमारियां तेजी से फैल रही हैं।
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मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ नितिन वर्मा के मुताबिक, बच्चे कोविड-19 रीइन्फेक्शन के साथ आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 'मेरे पास बड़ी संख्या में ऐसे मामले हैं, जिन्हें एक बार कोविड हो गया है और वे फिर से दूसरी बार कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए एक बच्चा जो जनवरी में कोविड से संक्रमित था, वह अप्रैल में फिर से संक्रमित हो गया था और जिसे अप्रैल में यह फिर से हो गया था। वहीं, डॉ वर्मा ने कहा, "अगर यह एक अलग स्ट्रेन है तो सुरक्षा नहीं रहती है, इसलिए कई बच्चे दूसरी बार कोविड संक्रमित हो रहे हैं।'
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को अन्य संक्रमण भी हो रहे हैं। कोरोना तो चल ही रहा है और अब मुझे लगभग चार से पांच बच्चे ऐसे मिले है, जिन्हें हाथ पैर और मुंह की बीमारी है। खासकर स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में। बहुत सारे वायरल फीवर हैं जो डेंगू के शुरुआती मामले हैं और हाल ही में हमें स्वाइन फ्लू के भी मामले मिलने लगे हैं।" डॉ वर्मा ने कहा कि अधिकांश सीओवीआईडी मामले हल्के होते हैं जिन्हें घर पर प्रबंधित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि "सौभाग्य से बच्चों में अधिकांश कोविड के मामले हल्के होते हैं। गंभीरता केवल वयस्कों में होती है। वयस्कों में भी अच्छी बात यह है कि उन्होंने अपना टीका (कोरोना वैक्सीन) ले लिया है। लेकिन बच्चों में जो कोरोना के मामले पाए गए है वो हल्के से मध्यम है और सभी घर में ही प्रबंधित (इलाज) किया जा रहा है।" बच्चों में पाए जा रहे लक्षणों के बारे में उन्होंने कहा, "बच्चों में बुखार और कुछ के गले में खराश है। कुछ बच्चों को चकत्ते हो रहे हैं और अन्य में उल्टी और दस्त के लक्षण हैं।"
डॉ वर्मा ने सुरक्षा उपायों पर कहा, "टीकाकरण बीमारी की गंभीरता को रोकने में मदद करता है, और यह सुनिश्चित करता है कि आप अस्पताल या आईसीयू में न उतरें और मास्क, हाथ धोने और सामाजिक दूरी बनाए रखें।" ज्यादातर मामलों में, बच्चे स्कूलों से भी कोविड से संक्रमित हो रहे हैं, डॉ नितिन ने कहा कि स्कूल के माहौल पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। डॉ वर्मा ने कहा कि स्कूलों में मास्क को अनिवार्य कर दिया जाए। बच्चे जिस वक्त खाना खा रहे हो, उन्हें तितर-बितर कर दिया जाए ताकि वे एक-दूसरे के करीब न हों। फिर यही एक तरीका है जिससे हम स्कूलों में कोविड के प्रसार को रोक सकते हैं।"