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Red Planet Day 2022: शिव का पसीना या दैत्य का रंग? आखिर क्यों हैं मंगल ग्रह 'लाल'?

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Red Planet Day 2022: आज पूरा विश्व 'लाल ग्रह दिवस' या 'Red Planet Day' मना रहा है। आज का दिन मंगल ग्रह मिशन के रूप में याद किया जाता है। मालूम हो कि मंगल ग्रह के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए नासा का Mariner 4 स्‍पेसक्राफ्ट 28 नवंबर 1964 को ही लांन्‍च किया गया था। मंगल ग्रह का रंग लाल है इसलिए इस दिन को 'लाल ग्रह दिवस ' के रूप में मनाते हैं।

चलिए जानते हैं ब्रह्मांड के इस खूबसूरत ग्रह के बारे में कुछ खास बातें

सौरमंडल का चौथा ग्रह मंगल

सौरमंडल का चौथा ग्रह मंगल

  • मंगल से सूरज से दूरी लगभग 142 million miles हैं।
  • मालूम हो कि सौरमंडल में हमारा पृथ्वी तीसरे नंबर की ग्रह है तो वहीं इसके बाद मंगल का ही स्थान है।
  • पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी 93 million miles है।
  • यानी कि पृथ्वी और मंगल के बीच की दूरी लगभग 4.9 million miles है।
  • पृथ्वी का diameter 7,926 मील और मंगल का diameter 4,220 मील है।
यहां पर हवा नहीं ...सतह भी उबड़-खाबड़

यहां पर हवा नहीं ...सतह भी उबड़-खाबड़

  • पृथ्वी एक वर्ष या 365 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाती है।
  • तो वहीं मंगल सूरज का पूरा चक्कर 687 दिनों में लगाता है।
  • पृथ्वी पर एक दिन 24 घंटे का होता है जबकि मंगल पर एक दिन 24 घंटे 37 मिनट का होता है।
  • मंगल पर पानी है,इसे बारे में सबसे पहले जानकारी इंडिया ने ही दी थी।
  • यहां पर हवा नहीं है और साथ ही इसकी सतह भी उबड़-खाबड़ है।
 मंगल ग्रह को शिव पुत्र कहते हैं

मंगल ग्रह को शिव पुत्र कहते हैं

वैसे ये सारी बातें वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित हैं। हमारे यहां तो ग्रहों की पूजा की जाती है, इनका जिक्र तो पुराणों में भी मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मंगल ग्रह को शिव पुत्र कहा जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक अंधकासुर नामक असुर था, जो कि बड़ा पराक्रमी था लेकिन शिवभक्त था। उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे वरदान दे दिया था कि उसके रक्त से सैकड़ों की संख्या में दैत्य जन्म लेंगे, जिससे उसका अंत महामुश्किल है।

तो इस लिए मंगल है लाल...

तो इस लिए मंगल है लाल...

लेकिन दैत्य ने देवताओं का जीना दूभर कर दिया। उसके अत्याचार को रोकने के लिए खुद शिव ने उससे युद्ध किया। इस युद्ध के दौरान शिव के शरीर से पसीने की बूंदें धरती पर गिरीं, जिससे पृथ्वी के दो हिस्से हो गए और एक नए ग्रह का जन्म हुआ। उसने अंधक के सारे रक्त को समाहित कर लिया, जिससे उसका रंग लाल हो गया लेकिन अन्य ग्रह पैदा नहीं हुए। इस ग्रह को ही मंगल नाम दिया गया।

मंगलनाथ मंद‍िर में दूर होते हैं दोष

कहते हैं कि यह सब उज्जैन में हुआ था इसलिए यहां मंगलनाथ मंद‍िर है, जहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं, खास करके वो जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है।

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English summary
Red Planet Day 2022 is being celebrated today, November 28, 2022. Lord Shiva's sweat or demon's color... why is Mars red?, Know Unknown Facts here.
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