क्या आप जानते हैं ट्रेन के एक डिब्बे की कीमत?
[अजय मोहन] मध्य प्रदेश के हरदा में मंगलवार की रात माचक नदी पर से गुजरने वाले छोटे से पुल पर दो रेल हादसे हुए। पहली ट्रेन थी मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस तो दूसरी थी मुंबई-जबलपुर जनता एक्सप्रेस। कामायनी के 6 डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए तो जनता के 4। 28 लोगों की मौतें हुईं और 100 से ज्यादा घायल हुए।
ये वो आंकड़ें हैं, जो आपने आज अखबारों में पढ़े, लेकिन इससे कोसों दूर ऐसे आंकड़ें भी हैं, जिन पर किसी का ध्यान नहीं गया और न ही जाता है। चलिये आपको ले चलते हैं आंकड़ों के इस जाल में, उम्मीद है आप इसमें फंसेंगे नहीं। यह जाल सिर्फ संख्याओं का है, जो हम आपके सामने प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
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5-8-2015
को
11:30
बजे,
11:50
बजे
हादसे
हुए।
-
5-
यह
2015
का
भारत
में
यह
पांचवां
बड़ा
रेल
हादसा
था।
-
6+4=10
डिब्बे
पटरी
से
उतरे,
जिनमें
चार
डिब्बे
पानी
में
जा
गिरे।
-
160
किलोमीटर
दूर
भोपाल,
यानी
मध्य
प्रदेश
की
राजधानी
से।
-
22°11'58"उ
77°3'39"पू
ये
सटीक
अक्षांश
हैं,
उस
जगह
के,
जहां
पर
यह
हादसा
हुआ।
-
54
किलोमीटर-
हादसे
से
इतनी
ही
दूरी
तक
सिर्फ
सन्नाटा
और
अंधेरा
था।
54
किमी
के
बाद
गांव
था।
-
1,50,00,000
यानी
1.5
करोड़
रुपए
लगते
हैं
रेलवे
के
एक
स्लीपर
व
जनरल
क्लास
के
डिब्बे
को
बनाने
में।
-
20,00,00,000
यानी
20
करोड़
लागत
लगती
है
एक
इंजन
बनाने
में,
जो
इस
रेल
हादसे
में
क्षतिग्रस्त
हुआ।
-
1.5
X
10=
15,00,00,000
यानी
15
करोड़
की
बर्बादी
महज
एक
झटके
में
हो
गई।
- 1 किलोमीटर ट्रैक बिछाने में करीब 1 करोड़ रुपए का खर्च आता है।
और भी हैं आंकड़े जो पढ़ सकते हैं तस्वीरों के साथ-
10 महिलाएं हादसे में मारी गईं
इस हादसे में 10 महिलाएं हादसे में मारी गई।
5 बच्चों की मौत
5 बच्चों ने इस हादसे में दुनिया को अलविदा कह दिया।
13 पुरुषों की मौत
इस हादसे में 13 पुरुषों की मौत हो गई।
2 लाख रुपए का मुआवजा
2,00,000 यानी 2 लाख रुपए का मुआवजा मृतकों के परिजनों को।
50,000 का मुआवजा
50,000 का मुआवजा, गंभीर रूप से घायलों को।
25,000 रुपए का मुआवजा
25,000 रुपए का मुआवजा मामूली रूप से घायलों को।
326 ने मौत को करीब से देखा
326 लोग वो थे, जिन्होंने उस रात मौत को करीब से देखा।
72 वीं रेल दुर्घटना
पिछले एक दशक में यह 72वीं बड़ी रेलदुर्घटना थी।
100 किलोमीटर दूर इटारसी से
यह जगह इटारसी से 100 किमी दूर है। वो इटारसी जहां हाल ही में ग्रिड स्टेशन में आग लगने से 200 से ज्यादा ट्रेनें कैंसल हुईं।
29 और 31 मौतें
कई अखबारों ने इस हादसे में 29 तो कई ने 31 मौतों की खबरें लिखी हैं।
71 प्रतिशत रेल हादसों के कारण
भारत में 71 प्रतिशत रेल हादसे रेलकर्मियों की लापरवाही से होते हैं।
3 प्रतिशत हादसे
भारत में 3 प्रतिशत हादसे खराब उपकरणों की वजह से होते हैं।
123 करोड़ का मुआवजा
2014-15 में भारत सरकार ने 123 करोड़ रुपए सिर्फ रेल दुर्घटनाओं के मुआवजे के रूप में दिये।