केरल में बाढ़ के बाद 'Rat Fever' का कहर, 20 लोगों की मौत, जानिए इस रोग के बारे में
त्रिवेंद्रम। प्रकृति की मार से तहस नहस हुए केरल को अब एक और मुसीबत ने घेर लिया है, बाढ़ से ग्रसित केरल में अब 'रैट फीवर' कहर बरपा रहा है, जिसकी वजह से राज्य में तीन हफ्ते के लिए हाई अलर्ट लागू किया गया है। आपको बता दें कि 1 अगस्त से अब तक 'रैट फीवर' की वजह से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के अनुसार केरल के विभिन्न अस्पतालों में 71 लोग लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर) से ग्रस्त पाए गए हैं, जबकि 123 लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं।
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस (रैट फीवर)
लेप्टोस्पायरोसिस या रैट फीवर एक जीवाणु रोग है, यह लेप्टोस्पिरा जीनस के बैक्टीरिया के कारण होता है। यह संक्रमित जानवरों के मूत्र के जरिये फैलता है, बाढ़ ग्रस्त इलाकों में ये रोग तेजी से फैलता है और इसी वजह से केरल इसकी चपेट में आया है।
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खास बातें
अक्सर बाढ़ में चूहों की संख्या काफी बढ़ जाती है, केरल में तो बाढ़ ने तबाही मचाई है, यहां चूहों की संख्या तेजी से बढ़ी है और इसी वजह से यहां लेप्टोस्पायरोसिस का खतरा काफी बढ़ गया है। दरअसल संक्रमित चूहों के यूरीन में भारी संख्या में लेप्टोस्पायर्स होते हैं, जो बाढ़ के पानी में मिल जाते हैं और इस दूषित पानी का सेवन गलती से अगर लोग करते हैं तो वो बीमार हो जाते हैं।
लक्षण और नुकसान
लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, ठंड, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पीलिया, लाल आंखें, पेट दर्द, दस्त आदि शामिल हैं, लेप्टोस्पायरोसिस गुर्दे को सीधा नुकसान पहुंचाता है इसके अलावा इससे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में भी सूजन हो जाती है, लीवर भी खराब हो जाता है और व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
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