राज्यसभा में हुए हंगामे से आहत उपसभापति हरिवंश एक दिन का रखेंगे उपवास , PM मोदी ने किया ये Tweet
नई दिल्ली। किसानों से जुड़े बिल को लेकर विपक्ष का विरोध लगातार जारी है, इस बीच राज्यसभा से निलंबित 8 सांसदों का मामला तूल पकड़ चुका है, कल से निलंबित सांसद संसद परिसर में धरने पर बैठे हैं, पूरी रात उनका प्रदर्शन जारी रहा, सारे सांसद गांधी प्रतिमा के पास डटे हुए हैं तो वहीं निलंबित सांसदों से मिलने मंगलवार सुबह राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश संसद परिसर पहुंचे और उन्हें चाय भी दी। लेकिन धरने पर बैठे सांसदों ने उपसभापति हरिवंश की चाय पीने से इनकार कर दिया।
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जिसके बाद राज्यसभा में हुए हंगामे से आहत उपसभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास पर बैठने का फैसला किया है, इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह अगले 24 घंटे उपवास पर रहेंगे, उपवास आज सुबह से शुरू होकर कल सुबह तक जारी रहेगा, इस दौरान वह संसद का कामकाज जारी रखेंगे।
पीएम मोदी ने उपसभापति हरिवंश की तारीफ की
तो वहीं इस बीच पीएम मोदी ने उपसभापति हरिवंश की तारीफ की है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया- 'हरिवंश जी उन लोगों के लिए चाय लेकर गए हैं जिन्होंने उनपर हमला किया और अपमानित किया। यह उनकी महानता को दिखाता है।'
मालूम हो कि जब आज सुबह उपसभापति हरिवंश सांसदों के पास चाय लेकर गए थे तो सांसदो ने चाय पीने से इंकार कर दिया था। धरने पर बैठे आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा- जब देश के हजारों किसान भूखे-प्यासे सड़कों पर इस काले कानून के खिलाफ हैं तो हम यहां किसी से व्यक्तिगत रिश्ता कैसे निभा सकते हैं।
उपसभापति के साथ न सिर्फ दुर्व्यवहार किया गया बल्कि उनको 'गाली' भी दी गई
तो वहीं आज हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को नसीहत देते हुए सभापति वेंकैया नायडू ने कहा- जो सांसद धरने पर बैठे हैं उनके लिए डेप्युटी चेयरमैन खुद सुबह की चाय लेकर गए। यह उनकी मानवता को दिखाता है, यह उनके लोकतांत्रिक मूल्यों को दिखाता है। उपसभापति के साथ न सिर्फ दुर्व्यवहार किया गया बल्कि उनको 'गाली' भी दिया गया। इन सबके बावजूद उन्होंने कहा कि जो हुआ उसे जाने दो और सुबह सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे। उन्होंने लोगों के सामने अपनी पूरी बात नहीं कही कि उन्हें कितनी पीड़ा हुई है, ये उनका बड़प्पन है। इसलिए मेरी आप सबसे अपील है कि सदन की मर्यादा को बनाए रखिए।