उत्तराखंड के बाद राजस्थान सरकार ने भी कांवड़ यात्रा पर लगाई रोक, जारी की सख्त गाइडलाइन
नई दिल्ली, 16 जुलाई: कोरोना महामारी की तीसरी लहर का खतरा अभी भी बरकरार है। ऐसे में राज्य सरकारें धार्मिक आयोजनों पर सख्ती कर रही हैं। हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद शुक्रवार को राजस्थान सरकार ने भी इस दिशा में बड़ा फैसला लिया। जिसके तहत सावन में किसी तरह के धार्मिक आयोजन और कांवड़ यात्रा को अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा सख्त कोविड गाइडलाइन जारी कर दी गई है।
राजस्थान सरकार के मुताबिक बड़ी मुश्किल से राज्य के हालात सामान्य हुए हैं। ऐसे में वो नहीं चाहते हैं कि तीसरी लहर आए, जिस वजह से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मौजूदा वक्त में कप्पा वेरिएंट के संक्रमण का खतरा राज्य में मंडरा रहा, जहां अब तक उसके 11 मामले सामने आ चुके हैं। सरकार ने सख्त लहजे में आदेश दिया है कि अगर कोई भी धार्मिक आयोजन होता है, तो जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि 25 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। आमतौर पर कांवड़िए उत्तराखंड गंगा जी का जल लेने के लिए जाते हैं, जिस वजह से 24 जुलाई को ही उत्तराखंड की सीमाएं सील कर दी जाएंगी। वैसे उत्तराखंड सरकार ने साफ किया है कि सिर्फ कांवड़ियों की एंट्री पर बैन रहेगा, बाकी लोग सामान्य रूप से आवाजाही कर सकेंगे। अगर कोई कांवड़िया पुलिस को चकमा देकर राज्य में एंट्री करता है, तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया जाएगा।
यूपी
में
क्या
फैसला?
यूपी
सरकार
ने
कांवड़
यात्रा
पर
रोक
नहीं
लगाई
थी।
जिस
पर
सुप्रीम
कोर्ट
ने
स्वत:
संज्ञान
ले
लिया।
साथ
ही
यूपी
सरकार
को
अपने
फैसले
पर
एक
बार
फिर
से
विचार
करने
को
कहा।
कोर्ट
ने
कहा
कि
राज्य
सरकार
सोमवार
तक
इस
मामले
पर
कोई
फैसला
लेकर
कोर्ट
को
बता
दे,
वरना
कोर्ट
अपनी
ओर
से
आदेश
जारी
कर
देगा।
अभी
तक
के
प्लान
के
मुताबिक
हरिद्वार
से
गंगाजल
लाकर
अलग-अलग
जगहों
पर
कांवड़ियों
को
उसे
मुहैया
करवाया
जाना
था,
लेकिन
विशेषज्ञ
इस
पर
एतराज
जता
रहे
हैं।