रायबरेली में दरकने लगी राहुल गांधी के करियर की नींव
मालूम हो कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में सोनिया और राहुल गांधी अपने गढ़ रायबरेली और अमेठी में करीब तीन लाख मतों से सम्मानजनक जीत दर्ज करते रहे हैं। लेकिन इस बार भी उनकी जीत बड़ा नहीं होने वाला है। इस सवाल पर कांग्रेस नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। करीब डेढ़ साल पहले हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रायबरेली और अमेठी की 10 सीटों में से आठ पर कांग्रेस को करारी हार मिली थी। वैसे तो रायबरेली व अमेठी में कांग्रेस और सोनिया-राहुल के खिलाफ आम लोगों में उतनी नाराजगी नहीं है, जितनी देश-प्रदेश के अन्य हिस्सों में है। लेकिन पिछले दो वर्षों में कई बार राहुल का काफिला रोकने के प्रयास यहां किये गये हैं।
आम आदमी पार्टी उठा सकती है पूरा फायदा
सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के हालिया दौरे में एक रेलमार्ग का शिलान्यास किया, 19 सरकारी बैंकों की शाखाओं का उद्घाटन किया। करीब एक महीने पहले अपने दौरे में सोनिया ने आनन-फानन में रायबरेली में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) का भूमिपूजन भी कर दिया। साथ ही एक रेल पहिया कारखाने का शिलान्यास भी किया गया। वहीं, राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक महीने के अंदर मेगा फूड पार्क और करीब 40 किलोमीटर लंबी एक नई रेललाइन का शिलान्यास किया। इसके अलावा दो नई रेलगाड़ियों के परिचालन को भी हरी झंडी दिखाई।
आप का विश्वास, और राहुल की आर
खबर है कि आम आदमी पार्टी यानी आप के नेता व प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। यही कारण है कि आप कार्यकर्ताओं ने रायबरेली में घर-घर जाकर दरवाजे खटखटाने शुरू कर दिये हैं। पार्टी को विश्वास है कि कुमार विश्वास राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में पटखनी जरूर देंगे। असल में दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद से आप का कॉन्फीडेंस बढ़ गया है, साथ ही जनता के अंदर आप के प्रति विश्वास दिखाई दे रहा है।
क्या कहती है भाजपा
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने इस पर कहा, "रायबरेली और अमेठी में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लोगों को विकास के तोहफे देकर लुभाने की कोशिश होती है, ताकि वोट लेने के समय उपलब्धियां गिनाई जा सकें। लेकिन अब यहां के लोग भी कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के हथकंडों को अच्छी तरह समझ गए हैं।"
कांग्रेस को भरोसा
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता जीशान हैदर ने बताया कि रायबरेली और अमेठी के लोग सोनिया और राहुल को सिर आंखों पर बिठाते हैं। दोनों नेता आम चुनाव में फिर पूर्व की तरह रिकार्डतोड़ मतों से जीतेंगे। वह कहते हैं कि इन दोनों क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण के कार्यक्रम पिछले कई वर्षो से लगातार होते आ रहे हैं।
वर्तमान सच्चाई
कहा जा रहा है कि एम्स के निर्माण में करीब चार साल का समय लगेगा, लेकिन आगामी मार्च माह तक एम्स की एक अस्थायी ओपीडी का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा चुनाव से पहले रायबरेली और अमेठी में कुछ और परियोजनाओं के शिलान्यास की संभावना भी प्रबल है।
राजनीतिक चिंतक एच. एन. दीक्षित ने कहा कि लोगों में बढ़ती महंगाई से असंतोष, भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और दिल्ली विधानसभा चुनाव के जरिए पहली बार मैदान में उतरकर शानदार आगाज करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा रायबरेली और अमेठी से उम्मीदवार लड़ाने के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि सोनिया और राहुल के लिए इस बार रायबरेली और अमेठी संसदीय क्षेत्रों में रिकार्डतोड़ जीत दर्ज करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा।