पंजाब चुनाव: 10 ऐसी सीटें, जहां हुआ सांस रोक देने वाला मुकाबला
जिन सीटों पर कांटे टक्कर देखने को मिली उनमें फाजिल्का सीट सबसे अहम है। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार देविंदर सिंह घुबाया बेहद भाग्यशाली रहे, उन्होंने महज 265 मतों से जीत दर्ज की।
नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने शानदार जीत दर्ज करते हुए शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को सत्ता से बाहर कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने भले ही विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की हो, लेकिन कुछ ऐसी सीटें भी रही जहां कांटे टक्कर देखने को मिली। एक सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार ने महज 265 मतों से अपने विरोधी उम्मीदवार को शिकस्त दी। ऐसी ही 10 सीटें जहां सांसें रोक देने वाले मुकाबला देखने को मिला।
कांटे की टक्कर में कांग्रेस पार्टी रही फायदे में...
जिन सीटों पर कांटे टक्कर देखने को मिली उनमें फाजिल्का सीट सबसे अहम है। इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार देविंदर सिंह घुबाया बेहद भाग्यशाली रहे, उन्होंने बीजेपी के सुरजीत कुमार ज्यानी को महज 265 मतों से हराया। आम आदमी पार्टी के रहने की वजह से यहां का मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। हालांकि इस सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार के भी रहने से मुकाबला चौतरफा हो गया। निर्दलीय उम्मीदवार ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के वोटों में सेंधमारी की। हालांकि मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार देविंदर सिंह घुबाया के पक्ष में गया।
महज कुछ वोटों से तय हुई जीत-हार
शिरोमणि अकाली दल के लखबीर सिंह लोधीनंगल ने महज 485 मतों से बटाला सीट पर जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अश्वनी शेखरी को हराया। पंजाब में आम आदमी पार्टी के संयोजक गुप्रीत सिंह वैरियक घुग्गी तीसरे नंबर पर हैं। उनकी पार्टी माझा इलाके में अपनी जगह पक्की करने में नाकामयाब साबित हुई। कांग्रेस, अकाली दल के मजबूत नेतृत्व की वजह से यहां आम आदमी पार्टी केवल वोट कटुआ साबित हुई। इसने कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक पर सेंधमारी की।
कहीं कांग्रेस मजबूत तो कहीं अकाली दल ने मारा मैदान
पूर्व शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रीतम सिंह कोटभाई इस बार भुचो मंडी से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के जगसीर सिंह को 645 मतों से शिकस्त देने में कामयाब रहे। इसी तरह से कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा और त्रिपत राजिंदर बाजवा ने भी कठिन लड़ाई में ऐसी ही जीत दर्ज की।
कई सीटों पर AAP रही टक्कर में रहे
डेरा बाबा नानक में रंधावा ने पूर्व शिरोमणि अकाली दल के मंत्री सूचा सिंह लंगल को 1194 वोट हासिल किए। इसी तरह शहरी विधानसभा सीटों पर लुधियाना पूर्व, मोगा और बांगा में आम आदमी पार्टी ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। यहां उन्हें हर का सामना जरूर करना पड़ा, लेकिन हार का अंतर बेहद कम रहा। लुधियाना पूर्व और मोगा विधानसभा की सीट कांग्रेस के खाते में गई जबकि बांगा में शिरोमणि अकाली दल ने जीत दर्ज की।
पंजाब में कांग्रेस को बहुमत, जीती 77 सीटें
बता दें पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। जहां कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के अलावा आम आदमी पार्टी भी मुकाबले में थी। आंकड़े देखें तो पंजाब विधानसभा की 117 सीटों में कांग्रेस पार्टी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर रही, उसने 22 सीटों पर जीत दर्ज की। शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन तीसरे नंबर रही, उन्हें 18 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा।
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