लोकसभा चुनाव 2019: उदयपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: राजस्थान की उदयपुर लोकसभा सीट से सांसद भाजपा के अर्जुन लाल मीणा हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के रघुवीर मीणा को 23, 67, 62 वोटों से पराजित किया था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर तीन पर कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(सीपीआई) रही थी। साल 1951 से लेकर अब तक पिछले करीब 7 दशक के इतिहास में हुये कुल 16 चुनावो में 10 बार काग्रेंस, 4 भाजपा और दो बार अन्य दलों के प्रत्याशी विजयी हुए। हालांकि तब से लेकर अब तक कई बार परिसीमन भी हुए औऱ उदयपुर संसदीय सीट 2004 के बाद सामान्य से अनूसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई। उदयपुर लोकसभा सीट इसलिए भी बेहद महत्वपू्र्ण हैं क्योंकि इस सीट से प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले मोहनलाल सुखाडिया,कांग्रेस की कद्दावर नेता डा.गिरिजा व्यास और भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया ने प्रतिनिधित्व किया है।
उदयपुर लोकसभा सीट का इतिहास
'झीलों की नगरी' के नाम से मशहूर उदयपुर राजस्थान का प्रमुख पर्यटन स्थल है, जिसे सन् 1559 में महाराणा उदय सिंह ने स्थापित किया था। उदयपुर शहर सिसोदिया राजवंश द्वारा शासित मेवाड़ की राजधानी रहा है। उदयपुर की कुल जनसंख्या 29,52,477 है, जिसमें से 81 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में और 18 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं। साल 1952 से 1984 तक यहां केवल कांग्रेस का ही राज रहा है, हालांकि 1971 और 1977 में ये सीट क्रमश: जनसंघ और जनता पार्टी के पास भी गई, साल 1989 में यहां पहली बार भाजपा जीती और गुलाबचंद कटारिया यहां से एमपी चुने गए, साल 1991 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के टिकट पर डा.गिरिजा व्यास ने जीत दर्ज की और वो 1996 तक यहां के सांसद की कुर्सी पर विराजमान रहीं लेकिन 1998 का चुनाव यहां भाजपा ने जीता लेकिन 1999 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर डॉ. गिरिजा व्यास ने फिर से जीत के साथ वापसी की लेकिन साल 2004 के चुनाव में फिर यहां पर कमल खिला और किरण माहेश्वेरी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंचीं। वहीं साल 2009 में फिर से बाजी पलटी और कांग्रेस को यहां विजयश्री हासिल हुई और रघुवीर मीणा सांसद की कुर्सी पर बैठे लेकिन 2014 में उन्हें भाजपा के अर्जुन लाल मीणा से शिकस्त झेलनी पड़ी।
अर्जुन लाल मीणा का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सांसद अर्जुन लाल मीणा की पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उपस्थिति 86 प्रतिशत रही है। इस दौरान उन्होंने 81 डिबेट में हिस्सा लिया है और 344 प्रश्न पूछे,। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या 18,17,940 थी, जिसमें से मात्र 11,93,202 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था। इसमें वोट देने वाले पुरुषों की संख्या 6,01,374 और महिलाओं की संख्या 5,91,828 थी। उदयपुर के 93 प्रतिशत लोग हिंदू धर्म में और 3 प्रतिशत लोग इस्लाम में यकीन रखते हैं।
उदयपुर सीट का फैसला जातिगण समीकरणों के आधार पर ही होता आया है, पिछले कई चुनावों से राजस्थान में राजपूत, ब्राह्णण, वैश्य एकजुट होकर भाजपा के पक्ष में और जाट, गूजर, मीणा और दलित कांग्रेस के पक्ष में मतदान करते रहे हैं। जबकि आदिवासी और पिछड़ी जातियों के वोट अलग अलग क्षेत्रों में स्थानीय समीकरणों के मुताबिक दोनों दलों में बंटते रहे हैं। यहां तक कि मुसलमानों में भी ज्यादा तादाद कांग्रेस के लिए वोट करती रही है, लेकिन एक हिस्सा स्थानीय भाजपा नेताओं के लिए भी वोट करता रहा है। जिसके आधार पर झीलों के नगर में कमल खिला था तो वहीं कांग्रेस अपने पक्ष में जाटों, गूजरों, मुस्लिमों, मीणाओं, दलितों, पिछड़ों और जनजातियों का मजबूत समीकरण बनाकर जीत की तैयारी कर रही है। उसे भाजपा के परंपरागत जनाधार राजपूतों, ब्राह्मणों और वैश्यों की सरकार से नाराजगी से भी फायदा मिलने की उम्मीद है, देखते हैं अपनी रणनीति में वो यहां सफल हो पाती है या नहीं, वैसे इन चुनौतियों का सामना भाजपा कैसे करेगी, इस पर भी अब सबकी निगाहें लगी हुई हैं।