योगी आदित्यनाथ: एक महंत के मुख्यमंत्री बनने ने खींचा दुनिया का ध्यान
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नई दिल्ली। 2017 में उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव आया, जब भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर दिया। योगी आदित्यनाथ अपने बयानों को लेकर चर्चा में तो काफी समय से रहते हैं लेकिन उनके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के ऐलान ने ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया ने ध्यान खींचा। इसके बाद वो लगातार अखबारों और टीवी चैनलों पर सुर्खियां बने। एक मठ के महंत का मुख्यमंत्री बनने का कमाल दुनिया ने देखा और इस पर चर्चा भी की।
46 साल के योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मन्दिर के महन्त और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। वो 1998 से 2014 तक लगातार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा से चुनाव जीतते रहे हैं। योगी आदित्यनाथ भले ही गोरखपुर से लगातार सांसद थे लेकिन ऐसा माना जाता था कि उनको पार्टी मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी, इसकी वजह थी उनकी छवि। योगी आदित्यनाथ की छवि कट्टर हिन्दूवादी नेता के साथ विवादित नेता की भी रही है। उनके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मुकदमें भी दर्ज हैं। ऐसे में उनके नाम के ऐलान के बाद कई लोगों को हैरत हुई और वो देशभर में खबरों का हिस्सा बने।
सीएम बनने के बाद योगी अपने फैसलों को लेकर चर्ता में बने रहे। योगी आदित्यनाथ भगवा रंग से अपने प्यार को लेकर कई दफा चर्चा में आए। वो खुद तो भगवा रंग पहनते ही हैं, सीएम बनने के बाद उनके ऑफिस में सोफे, कुर्सियों से लेकर तौलिया तक सभी भगवा रंग हो गया। बयहां तक कि दफ्तर के पर्दे पर भगवा कर दिए गए है। कई दफा देखा गया कि योगी प्रदेश में किसी आम नागरिक के यहां भी गए तो अधिकारियों ने पहले वहां सब भगवा करवा दिया, जो कि काफी चर्चा में रहा। सीएम बनने के बाद उनके बूचड़खानों पर रोक का फैसला खूब सुर्खियां में रहा।
योगी आदित्यनाथ भारत में तो चर्चा में रहे ही, विदेश में भी उनके सीएम बनने की काफी खबरें आईं। विदेश के कई अखबरों मे उन पर संपादकीय तक लिखे। योगी के शानदार राजनीतिक सफर पर बात हुई तो उन पर दर्ज मुकदमों और उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर भी लेख छपे। एक अमेरिकी अखबार ने तो उन्हें 'मिलिटेंट मोंक' तक लिखा। योगी आदित्यनाथ पर बात सकारात्मक हुई हो या नकारात्मक लेकिन वो सालभर सुर्खियों में जरूर बने रहे।
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