लोकसभा चुनाव 2019: नगरकुरनूल लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: तेलंगाना की नगरकुरनूल लोकसभा सीट से कांग्रेस के येल्ला नंदी सांसद हैं, उन्होंने साल 2014 के चुनाव में यहां पर टीआरएस के मंडा जगन्नाथ को 16,676 वोटों के अंतर से मात दी थी, कांग्रेस नेता को 4,20,075 वोट मिले थे तो वहीं दूसरे नंबर पर रहे मंडा जगन्नाथ को 4,03,399 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। तीसरे नंबर पर टीडीपी उम्मीदवार बी. नरसिमलू रहे थे, उन्हें 1,83,312 वोट मिले थे, आपको बता दें कि यह सीट SC वर्ग के लिए आरक्षित है। साल 2014 के चुनाव में यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 14,77,338 थी, जिसमें से केवल 11,08,968 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,70,342 और महिलाओं की संख्या 5,38,626 थी।
नगरकुरनूल
लोकसभा
सीट
का
इतिहास
यहां
पहला
आम
चुनाव
साल
1962
में
हुआ
था,
जिसे
कि
कांग्रेस
ने
जीता
था,
तब
यह
गडवाल
सीट
का
हिस्सा
हुआ
करती
थी,
साल
1967
में
भी
यहां
कांग्रेस
का
ही
राज
रहा,
साल
1971
का
चुनाव
यहां
पर
तेलंगाना
प्रजा
समिति
ने
जीता,
साल
1977
और
1980
दोनों
ही
साल
के
चुनावों
में
यहां
कांग्रेस
को
सफलता
मिली
लेकिन
1984
का
चुनाव
यहां
TDP
ने
जीता
लेकिन
साल
1989
के
चुनाव
में
एक
बार
फिर
यहां
कांग्रेस
की
वापसी
हुई
और
1991
में
भी
उसी
का
परचम
लहराया,
साल
1996
के
चुनाव
यहां
एक
बार
फिर
से
TDP
ने
जीत
दर्ज
की
लेकिन
साल
1998
के
चुनाव
में
यहां
कांग्रेस
ने
अपनी
हार
का
बदला
ले
लिया,
हालांकि
इसके
बाद
1999,
साल
2004
में
यहां
पर
टीडीपी
की
ही
जीत
हुई
लेकिन
साल
2009
के
चुनाव
में
यहां
पर
कांग्रेस
विजयी
हुई
और
साल
2014
का
चुनाव
भी
उसी
ने
यहां
जीता
और
येल्ला
नंदी
यहां
से
जीतकर
लोकसभा
पहुंचे,
वह
यहां
से
पहली
बार
सांसद
चुने
गए
थे,
यहां
से
मंडा
जगन्नाथ
लगातार
तीन
बार
सांसद
रह
चुके
हैं,
एक
बार
कांग्रेस
और
दो
बार
टीडीपी
के
टिकट
पर
उन्होंने
इस
सीट
पर
चुनाव
जीता
है।
नगरकुरनूल
,परिचय-प्रमुख
बातें-
तेलंगाना
की
नगरकुरनूल
लोकसभा
सीट
यहां
के
महबूबनगर
जिले
में
स्थित
है,
इस
लोकसभा
सीट
की
सीमा
आंध्र
प्रदेश
से
लगी
हुई
है,
नगरकुरनूल
जिले
का
निर्माण
तेलंगाना
राज्य
में
11
अक्टूबर
2016
में
हुआ
था,
इससे
पहले
यह
महबूबनगर
जिले
का
ही
हिस्सा
था।
इसकी
जनसंख्या
20,44,299
है,
जिसमें
से
89.63%
लोग
गांवों
में
रहते
हैं
और
10.37%
लोग
शहरों
में
निवास
करते
हैं,
यहां
पर
19.63%
आबादी
एससी
वर्ग
की
है
और
9.31
लोग
एसटी
वर्ग
के
हैं।
नगरकुरनूल
लोकसभा
क्षेत्र
में
सात
विधानसभा
सीटें
आती
हैं,
जिनके
नाम
हैं
वानापार्थी,
गडवाल,
आलमपुर,
नगरकुरनूल,
अचम्पेट,
कालवाकुरथी
और
कोल्लापुर,
इनमें
से
आलमपुर
सीट
अनुसूचित
जाति
और
अचम्पेट
सीट
अनुसूचित
जनजाति
के
लिए
सुरक्षित
है,
2018
में
हुए
विधानसभा
चुनावों
में
छह
सीटों
पर
टीआरएस
और
एक
सीट
पर
कांग्रेस
को
जीत
मिली
थी।
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक सांसद येल्ला नंदी की लोकसभा में उपस्थिति 70 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 7 डिबेट में हिस्सा लिया है और 164 प्रश्न पूछे हैं, जो कि निश्चित रूप से अच्छा रिकार्ड नहीं कहा जा सकता है, उन्होंने एक भी प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश नहीं किया है, भले ही सदन में येल्ला नंदी बहुत ज्यादा एक्टिव ना रहे हों लेकिन विकास कार्यों के कामों को करने में उन्होंने तेजी दिखाई है, जिसका ताजा सबूत ये है कि येल्ला नंदी को अपने संसदीय क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 20 करोड़ रुपये की रकम आवंटित हुई थी, जिसमें से उन्होंने 19.25 करोड़ रुपए विकास कार्यों में खर्च कर दिए हैं।
नगरकुरनूल लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ कही जाती रही है और मोदी लहर में भी कांग्रेस ने ये सीट जीतकर इस बात को और पुख्ता भी कर दिया था लेकिन इस सीट को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले चुनाव में काफी निराशाजनक रहा था और टीआरएस ने हैरत अंगेज ढंग से प्रदर्शन करते हुए 11 सीटें अपने नाम की थी। फिलहाल इस सीट पर सीधा मुकाबला कांग्रेस और टीआरएस के ही बीच है, देखते हैं इस बार यहां जीत की बाजी किसके हाथ लगती है।
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