लोकसभा चुनाव 2019: झुंझुनू लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: राजस्थान की झुंझुनू लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बीजेपी के संतोष अहलावत हैं। साल 2014 के आम चुनाव में इस सीट पर नंबर दो पर कांग्रेस और नंबर 3 पर आईएनडी थी। देशभर में सैनिकों के जिले के नाम से पहचाने जाने वाले झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र की राजनीति भी अपने आप में अलग किस्म की रही है। शौर्य और वीरों की इस वीर भूमि पर अधिकतर समय कांग्रेस का ही कब्जा रहा है हालांकि बीच-बीच में बीजेपी ने यहां हाथ पैर मारने की कोशिश जरूर की, लेकिन उसे आशातीत सफलता नहीं मिल पाई, गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में शहीदों की मूर्तियों वाले इस जिले में लंबे समय तक कांग्रेस के दिग्गज नेता शीशराम ओला का वर्चस्व रहा है, ओला करीब पांच दशक तक जिले की राजनीति में छाए रहे हैं।
झुंझुनूं लोकसभा सीट में 6 विधानसभा सीटें
हरियाणा राज्य की सीमा से सटे इस संसदीय क्षेत्र में झुंझुनूं जिले की सात विधानसभा क्षेत्र, झुंझुनूं, खेतड़ी, मंडावा, सूरजगढ़, पिलानी उदयपुरवाटी और नवलगढ़ समेत समीपवर्ती सीकर जिले का फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है।, झुंझुनूं की जनसंख्या 24,42,683 है, जिसमें से 74 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और 25 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है। हिंदू बहुल झुंझुनू का धर्म-कर्म के मामले में भी अलग मुकाम है। यहां का दादी राणीसती का मंदिर तो विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। झुंझुनूं में हजरत कमरुद्दीन शाह की दरगाह भी है, जहां माथा टेकने हर धर्म के लोग दूर-दूर से आते हैं। साल 1952 से लेकर 1971 तक यहां केवल कांग्रेस का ही राज रहा है, हालांकि 1977 के चुनाव में कांग्रेस को जनता पार्टी से शिकस्त मिली थी और 1980 तक यहां जनता पार्टी की सत्ता रही लेकिन 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां जोरदार वापसी की लेकिन 1989 के चुनाव में यहां जनता दल जीत गया लेकिन इसके बाद 1991 के चुनाव में कांग्रेस ने यहा बंपर जीत दर्ज की। साल 1996 के चुनाव में यहां से शीशराम ओला जीते और साल 2009 तक वो ही इसी सीट पर सांसद रहे लेकिन साल 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बीच ये सीट भाजपा के खाते में चली गई और बीजेपी का सूखा यहां समाप्त हुआ और संतोष अहलावत झुंझनू से जीतकर लोकसभा पहुंचीं।
संतोष अहलावत का लोकसभा में प्रदर्शन
संतोष अहलावत इससे पहले सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से 2013 में विधायक रह चुकी हैं। साल 2000 में बुहाना से संतोष अहलावत प्रधान चुनी गईं और 2005 में जिला परिषद् सदस्य बनीं। वर्ष 2004 के चुनाव में उन्होंने झुंझुनू से ही लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उनकी पराजय हुई। राजस्थान से 16वीं लोक सभा में वो एकमात्र महिला सांसद हैं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 94 प्रतिशत रही है, इस दौरान उन्होंने 101 डिबेट में हिस्सा लिया है और 647 प्रश्न पूछे हैं।
जाट बहुल झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र में आबादी के लिहाज से दूसरे नंबर पर मुस्लिम आबादी आती है। माली मतदाता भी यहां बड़ी तादाद में है, यही वजह रही है कि बीजेपी ने यहां कई बार माली प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है, हालांकि उसे सफलता साल 2014 में ही मिली। पिछले चुनाव से इस बार के चुनाव में सियासी हालात बदले हुए हैं, आज राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, ऐसें उसकी पूरी कोशिश इस बार इस सीट पर जहां अपनी पिछली हार का बदला लेने की होगी तो वहीं बीजेपी किसी भी कीमत पर इस सीट को गंवाना नहीं चाहेगी, देखते हैं झुंझुनू वासी इस बार किसको अपनी कमान सौंपते हैं।