लोकसभा चुनाव 2019: जमुई लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: बिहार की जमुई लोकसभा सीट से सांसद लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान हैं। साल 2014 के आम चुनाव में चिराग पासवान ने इस सीट पर राजद नेता सुधांशु शेखर भास्कर को भारी अंतर से हराया था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर नंबर 2 पर आरजेडी और नंबर तीन पर जेडीयू रही थी। जैनों के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक जमुई धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। माना जाता है कि भगवान महावीर को यहां दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ था। इस जिले की स्थापना चन्देल शासकों ने की थी। जमुई का संबंध प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत से भी जोड़ा जाता है। वैसे जमुई लोकसभा क्षेत्र वर्षों से पिछड़ा जिला रहा है, साथ ही नक्सली क्षेत्र होने के चलते यहां पर कमाई का कोई स्रोत नहीं है। आदिवासी किसी तरह सखुआ के पत्ता और दतुअवन बिक्री कर अपना गुजारा करते हैं। जमुई के कुछ दलित -आदिवासी बाहर के राज्यों में पलायन करके मेहनत-मजदूरी भी करते हैं और अपना पेट पालते हैं ।
जमुई लोकसभा सीट का इतिहास
नए परिसीमन के बाद जमुई अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित संसदीय सीट बन गई थी, जिसमें मुंगेर, शेखपुरा और जमुई विधानसभा क्षेत्र शामिल है। इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं। साल 1952 में यहां पहली बार आम चुनाव हुए जिसे कि कांग्रेस के बनारसी प्रसाद सिन्हा ने जीता और उन्हें यहां के पहले सांसद होने का गौरव हासिल हुआ। 1962 और 1967 के आम चुनाव में भी यहां कांग्रेस का ही राज रहा लेकिन साल 1971 के चुनाव में यहां CPI ने जीत दर्ज की और भोला मांझी यहां से सांसद चुने गए। साल 2009 के चुनाव में यहां से जनता दल यूनाइटेड ने जीत दर्ज की और भूदेव चौधरी यहां से एमपी चुने गए लेकिन साल 2014 के चुनाव में ये सीट लोजपा के युवा नेता चिराग पासवान ने अपने नाम कर ली।
चिराग पासवान का लोकसभा में प्रदर्शन
बिहार के ही नहीं बल्कि देश के चर्चित युवा राजनेताओं में शूमार चिराग पासवान ने राजनीति में आने से पहले फिल्मों में भी किस्मत आजमाई थी। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान की पिछले पांच सालों में लोकसभा में उपस्थिति 90 प्रतिशत रही है और इस दौरान उन्होंने 17 डिबेट में हिस्सा लिया है और 86 प्रश्न पूछे हैं। उस साल यहां मतदाताओं की संख्या 15 लाख 50 हजार 936 थी, जिसमें से केवल 7 लाख 75 हजार 639 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिनमें पुरुषों की संख्या 4 लाख 15 हजार 743 और महिलाओं की संख्या 3 लाख 59 हजार 896 थी। यहां की जनसंख्या 25 लाख 58 हजार 43 है, जिसमें से 89 प्रतिशत आबादी गांवों में और 10 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में निवास करती है।
देश के सियासी हालात इस वक्त बदले हुए हैं, जेडीयू और लोजपा एनडीए के साथ है, तय समझौते के तहत बीजेपी और जेडीयू 17-17 सीटों पर और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) 6 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी, ऐसे में इस सीट पर राजद को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। वहीं यहां पर एनडीए के घटक दलों की वापसी इस बात पर भी निर्भर करेगी कि चिराग पासवान ने यहां कितना विकास कार्य किया है और उन वादों पर वो कितना खरे उतरे हैं, जो उन्होंने यहां की जनता से, वोट मांगते वक्त किए थे।