लोकसभा चुनाव 2019: चिकबल्लापुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: कर्नाटक की चिकबल्लापुर लोकसभा सीट से सांसद कांग्रेस के वीरप्पा मोइली हैं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने बीजेपी के बीएन बाचेगौड़ा को शिकस्त दी थी। इस चुनाव में मोइली को 4,24,800 वोटस मिले जबकि बीजेपी के बाचेगौड़ा को 4,15,280 वोट्स मिले थे। चिकबल्लापुर में कुल मतदाताओं की संख्या 16,58,342 है। इसमें से पुरुष मतदाता 84, 37,40 तो महिला मतदाता 81,46,02 हैं।
चिकबल्लापुर जिले का गठन 23 अगस्त 2007 को हुआ था। यह जिला पहले कोलार जिले के तहत आता था। कोलार की आबादी बहुत ज्यादा थी और इस वजह से यह कदम उठाया गया। चिकबल्लापुर डिस्ट्रिक्ट हेडर्क्वाटर्स है और नॉर्थ बेंगलुरु के जाने का अहम रास्ता है। चिकबल्लापुर की आधिकारिक भाषा कन्नड़ है। चिकबल्लापुर, यह जिला कन्नड़ भाषा के तीन शब्दों से मिलकर बना है। चिका मतबल छोटाख् बल्ला मतलब अनाज को मापने की इकाई और पुर मतलब कस्बा। यानी चिकबल्लापुर कर्नाटक का वह जिला जहां पर प्राचीन समय में लोग अनास की ईकाई को मापने का काम करते थे। इस वजह से कर्नाटक का यह जिला क्षेत्र में कृषि का केंद्र है और बहुत मशहूर है।
कहते हैं कि अवंति मल्लाबिरगौड़ा जो कि मारीगौड़ा के बेटे थे वह एक दिन शिकार के लिए कोडिमानचनहल्ली जंगल में गए थे। यहां पर एक खरगोश बिना डरे शिकारी कुत्तों के सामने आ गया था। राजा खरगोश की वीरता को देखकर काफी खुश हुए और उन्होंने अपने बेटे से कहा कि यहां के लोगों की वजह से खरगोश भी काफी ताकतवर है। इसके बाद उन्होंने विजयनगर के राजा से यहां पर एक विशाल किला बनाने की मंजूरी मांगी। इसके साथ ही उन्होंने एक शहर की स्थापना की जिसे आज चिकबल्लापुर के नाम से जाना जाता है। सन् 1972 में हैदर अली ने तीन माह के लिए राजा चिकाप्पानायक से इस जगह को छीन लिया और अपना कब्जा कर लिया।
इसके बाद राजा, हैदर अली को पांच लाख पागोडास देने पर राजी हो गए। इस शर्त पर हैदर अली ने इस शहर से अपनी सेनाओं को वापस बुला लिया। सन् 1791 में इस शहर पर अंग्रेजों ने नंदी पर कब्जा कर लिया और नारायनगौड़ा को यहां पर शासन करने के लिए छोड़ दिया। लेकिन इसके बाद टीपू सुल्तान ने इसे अंग्रेजो से युद्ध किया। अंग्रेजों की सेना ने टीपू की सेना को हरा दिया। हालांकि चिकबल्लापुर के लोगों ने आत्मसमर्पण करने से मना कर दिया। चिकबल्लापुर मैसूर के वाडयार शासकों के तहत आ गया। इसके बाद इसे कर्नाटक राज्य में मिला दिया गया। बेंगलुरु से करीब 56 किलोमीटर दूर चिकबल्लापुर नंदी हिल्स के लिए मशहूर है। छह तालुकों वाले इस जिसे में 49704 हेक्टेयर का एरिया जंगलों से घिरा हुआ है। यह जगह सिल्क और कई प्रकार के खाद्यान्न उत्पादन के लिए जानी जाती है।
साल 2011 की मतगणना के मुताबिक इस जिले की जनसंख्या 12,55,104 है। जनसंख्या की वजह से यह जगह त्रिनिदाद एंड टोबैगो और अमेरिकी राज्य न्यू हैंपशायर के बरारब आ जाता है। इसकी वजह से यह देश का 35वां सबसे ज्यादा आबादी वाला जिला है। यहां की साक्षरता दर 70.8 प्रतिशत है। देखना है कि आने वाले चुनाव में जनता किसे चुनती है।