कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में गईं प्रियंका चतुर्वेदी ने धारा 370 के फैसले पर क्या कहा
कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में गईं प्रियंका चतुर्वेदी ने धारा 370 के फैसले पर क्या कहा
नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को हटा दिया है। सोमवार सुबह करीब 11 बजे राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने का प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के पेश होते ही विपक्ष ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है। वहीं बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी ने इस प्रस्ताव पर सरकार का समर्थन किया। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
'अमित शाह और नरेंद्र मोदी ही ऐसा सकते थे'
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले पर प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, 'यह ऐतिहासिक है। जम्मू और कश्मीर का एकीकरण क्षेत्र में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। अनुच्छेद 370 को हटने के साथ ही इसपर मुहर लग गई है। ईमानदारी से कहा जाए तो केवल अमित शाह और नरेंद्र मोदी ही इस काम को कर सकते थे। आज का फैसला एक मजबूत और साहसी निर्णय के रूप में इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा। यह फैसला एक राष्ट्र-एक संविधान का प्रवर्तक है। शिवसेना की लंबे समय से चली आ रही मांग आज पूरी हुई। जय हिंद।'
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'आज जम्मू-कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे'
आपको बता दें कि शिवसेना ने सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए पीएम मोदी और अमित शाह की तारीफ की है। राज्यसभा में धारा 370 हटाए जाने का प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, 'आज जम्मू-कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है कि देश के पीएम अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे।' वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सरकार के इस फैसले के बाद अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के बीच मिठाई बांटी।
लद्दाख बना अलग केंद्र शासित प्रदेश
गौरतलब है कि सोमवार सुबह करीब 11 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में लागू धारा 370 को खत्म करने प्रस्ताव राज्यसभा में पेश किया। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद अब यह कानून राज्य से हट गया है और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो चुका है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है। वहीं, लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर से अलग होकर बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। दरअसल, आर्टिकल 370 जम्मू कश्मीर को एक विशेष राज्य का दर्जा देता था, जिसके तहत राज्य को कुछ विशेषाधिकार प्राप्त थे। धारा 370 हटने के बाद अब कोई भी भारतीय, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में संपत्ति खरीद सकेगा। यानी राज्य में संपत्ति खरीदने से रोकने वाले भेदभावपूर्ण प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है।
जमीन खरीद सकेंगे बाहरी लोग
इस फैसले का सीधा मतलब है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार मिलेगा भले ही वो एक ऐसे व्यक्ति से शादी करने का फैसला करें जो जम्मू और कश्मीर का रहने वाला नहीं है। इसके अलावा, विस्थापित कश्मीरी पंडित अब अपने वतन लौटने, अपना घर और दुकानें खरीदने के सपने को साकार कर सकते हैं। इस फैसले का असर सिर्फ इन दोनों पर ही नहीं होगा, बल्कि अब कोई भी भारतीय जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का हकदार है। धारा 370 पर फैसले के बाद नई व्यवस्था के लागू होने से राज्य के अंदर प्रॉपर्टी के रेट बढ़ेंगे और रियल इस्टेट बाजार में भी तेजी देखने को मिलेगी। पहले केवल राज्य का निवासी ही संपत्ति को खरीद सकता था और भारतीयों को संपत्ति खरीदने पर रोक थी। ऐसी स्थिति के कारण कश्मीर के लोगों को नौकरियों का नुकसान हुआ।
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