Article 370:प्रधानमंत्री को मिला जम्मू के मुसलमानों का साथ
बेंगलुरु। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद को समाप्त किये जाने के केन्द्र सरकार को इस फैसले को जम्मू के मुस्लिम समुदाय का भी सपोर्ट मिलने लगा है। जम्मू के कुछ क्षेत्रों के मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने के निर्णय में सरकार के साथ खड़े हैं। इस निर्णय में सरकार के सपोर्ट में खड़े यह लोग केवल अपने राज्य में अमन और शांति चाहते हैं।
पीएम
मोदी
के
इस
फैसले
का
स्वागत
जम्मू
के
घुमंतू
चरवाहे
गुर्जर
बकरवाल
समुदाय
ने
किया
है।
बकरवाल
समुदाय
के
यह
चरवाहें
जम्मू-कश्मीर
की
विशेष
स्थिति
को
हटाने
जाने
से
खुश
हैं।
यह
समुदाय
सरकार
जम्मू
और
कश्मीर
समेत
संवेदनशील
सीमावर्ती
इलाकों
में
शांति
चाहता
है।
समुदाय
ने
केन्द्र
सरकार
से
कहा
है
कि
कोई
सांप्रदायिक
तनाव
उत्पन्न
न
होने
दें।
जम्मू
के
कुछ
क्षेत्रों
के
मुस्लिम
समुदाय
के
सदस्य
ने
भी
जम्मू-कश्मीर
में
धारा
370
को
समाप्त
करने
के
निर्णय
में
सरकार
का
साथ
देने
की
बात
कहीं
हैं।
मालूम
हो
कि
अनुच्छेद
370
को
समाप्त
किये
जाने
के
बाद
पिछले
शुक्रवार
को
जम्मू
शहर
में
प्रतिबंध
हटा
दिए
गया
गया
था।
कानून
व्यवस्था
भंग
न
हो
इसी
आशंका
के
चलते
राजौरी,पुंछ
समेत
अन्य
सीमावर्ती
क्षेत्रों
में
फोन
संचार
निलंबित
रखा
गया
है।
प्रशासन
ने
ईद
के
लिए
प्रतिबंधों
में
ढील
दी
थी
लेकिन
वॉयस
कॉलिंग
निलंबित
रही।
सूत्रों
के
अनुसार
उन्होंने
सरकार
को
संदेश
दिया
है
कि
उनके
राज्य
का
विशेष
दर्जा
समाप्त
किये
जाने
के
सरकार
के
फैसले
पर
कोई
आपत्ति
नहीं
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
लेकिन
हम
सांप्रदायिक
तनाव
से
डरते
हैं।
कुछ
असामाजिक
तत्व
यहां
की
शांति
भंग
करने
की
कोशिश
कर
सकते
हैं
जिसके
कारण
यहां
के
लोगों
को
परेशानी
हो
सकती
हैं।
उन्होने
सरकार
को
कहा
कि
हम
उनके
साथ
है
लेकिन
हमारी
सुरक्षा
के
लिए
सरकार
को
हमें
आश्वस्त
करना
होगा।
राजौरी
के
रहने
वाले
मोहम्मद
जुबान
ने
कहा
कि
हम
यहां
शांति
से
यहां
रह
रहे
हैं
और
हम
चाहते
हैं
कि
ऐसे
ही
शांति
सदा
बनी
रहें
हैं।
डीसी
राजौरी
ने
पुष्टि
की
कि
ईद
के
लिए
कुछ
छूट
प्रदान
की
गई
थी
लेकिन
माहौल
की
संवेदनशीलता
को
देखते
हुए
धारा
144
अभी
भी
लागू
थी।
अतीत
हुसैन
ने
कहा,
"मैं
सरकार
की
निर्णय
से
सहमत
हूं
क्योंकि
यह
विकास
लाएगा
लेकिन
हमें
शांति
बनाए
रखने
के
लिए
नेताओं
की
जरूरत
है।
हम
भी
फोन
संचार
पर
छूट
चाहते
हैं
ताकि
हम
अपने
परिवार
से
जुड़
सकें।"